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कोविड-19 के बीच 2020-21 में रेलवे ने परिचालन अनुपात को बेहतर कर 97.45 प्रतिशत किया

By भाषा | Updated: June 27, 2021 18:04 IST

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(अनन्या सेनगुप्ता)

नयी दिल्ली, 27 जून साल के ज्यादातर समय सीमित ट्रेन सेवाएं, कोई छूट नहीं दिए जाने और खर्च पर नियंत्रण से रेलवे को परिचालन अनुपात पूर्व के वित्तीय वर्ष में 98.36 प्रतिशत की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 97.45 प्रतिशत करने में मदद मिली। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब से यह जानकारी प्राप्त हुई है।

परिचालन अनुपात का मतलब है कि 100 रुपये जुटाने के लिए कितना खर्च किया गया। इसके जरिए किसी संगठन की परिचालन क्षमता का पता चलता है। परिचालन अनुपात जितना अधिक होगा, विस्तार और विकास के लिए उपलब्ध वित्तीय संसाधन कम होंगे।

मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौर के आरटीआई के जवाब में रेलवे बोर्ड ने कहा, ‘‘वर्ष 2019-2020 के लिए परिचालन अनुपात 98.36 प्रतिशत था... 2020-21 के लिए परिचालन अनुपात की गणना अनंतिम आधार पर 97.45 प्रतिशत की गई है।’’

रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि खर्च पर कड़ी निगरानी के अलावा राजस्व जुटाने के प्रयासों के कारण परिचालन अनुपात बेहतर हुआ है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ट्रेन परिचालन के साथ खर्च पर निगरानी रखी जाती है और कड़ाई से इसका नियमन होता है। पिछले सात साल में विद्युतीकरण में निवेश से डीजल पर लागत कम करने में मदद मिली और पर्यावरण के प्रति सजगता भी बढ़ी।’’

उन्होंने कहा कि खर्च पर नियंत्रण के अन्य कदमों में मितव्ययिता के कदम, कटौती योजना, परिसंपत्ति का बेहतर उपयोग, कर्मियों का कुशल प्रबंधन जैसे उपाय शामिल थे। माल ढुलाई से ज्यादा राजस्व जुटाने में भी मदद मिली। हालांकि, रेलवे को अपने मितव्ययिता उपायों में इस तथ्य से सहायता मिली कि उसने 2020-21 में अत्यधिक सब्सिडी वाले यात्री खंड को पूरी तरह से संचालित नहीं किया था। वर्ष के अंत तक रेलवे ने करीब 65 प्रतिशत ट्रेनों का ही परिचालन किया और कुछ को छोड़कर यात्रियों को किसी भी श्रेणी में छूट नहीं दी गयी।

प्रमुख मार्गों के विद्युतीकरण के साथ, रेलवे ने 2019-20 में ऊर्जा लागत में 9,500 करोड़ रुपये की भी बचत की। इसी तरह, शुल्कों के समायोजन के माध्यम से 4000 करोड़ रुपये की बचत की गई। रेलवे ने पिछले साल, 2019-20 की तुलना में अनुबंधों और माल और सेवाओं की खरीद को युक्तिसंगत बनाकर 3,000 करोड़ रुपये की बचत की।

यात्री ट्रेनों को सीमित संख्या में चलाने के साथ, रेलवे ने 2020-21 में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद रिकॉर्ड माल ढुलाई की। रेल मंत्रालय ने कहा कि 2020-21 में माल ढुलाई 1,232.63 मिलियन टन रही, जो पिछले वित्त वर्ष के 1,209.32 मिलियन टन से 1.93 प्रतिशत अधिक थी। भारतीय रेलवे के लिए 2020-21 के दौरान, माल ढुलाई से राजस्व 1,17,386 करोड़ रुपये रहा, जो 2019-2020 में 1,13,897.20 करोड़ रुपये की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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