रेलवे ने किया प्रवासी मजदूरों के लिए चलने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के टिकट फेयर का ऐलान, जानें कितना देना होगा किराया

By सुमित राय | Updated: May 1, 2020 19:57 IST2020-05-01T19:51:37+5:302020-05-01T19:57:27+5:30

भारतीय रेलवे ने प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के टिकट का पैसा लेने का फैसला किया है।

Railways has decided to charge migrant laborers ticket fare | रेलवे ने किया प्रवासी मजदूरों के लिए चलने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के टिकट फेयर का ऐलान, जानें कितना देना होगा किराया

रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के टिकट का किराया लेने का फैसला किया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsस्लीपर क्लास के टिकटों की कीमत के अलावा 30 रुपये सुपरफास्ट चार्ज और 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।इसमें लंबी दूरी की ट्रेनों में भोजन और पीने का पानी शामिल होगा।राज्य सरकारें चाहें तो प्रवासी मजदूरों को राहत देते हुए खुद किराए का भुगतान कर सकती हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, मजदूरों और श्रद्धालुओं को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनों को अनुमति दे दी है। इसके बाद रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी कामगारों के लिए स्पेशल ट्रेनों के टिकटों का किराया वसूलने का फैसला किया है।

रेलवे ने फैसला किया है कि किराए में नियमित स्लीपर क्लास के टिकटों की कीमत के अलावा 30 रुपये सुपरफास्ट चार्ज और 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। इसमें लंबी दूरी की ट्रेनों में भोजन और पीने का पानी शामिल होगा।

राज्य सरकार चाहे तो दे सकती है किराया

रेल मंत्रालय का कहना है कि अगर भेजने वाली राज्य सरकारें चाहें तो प्रवासी मजदूरों को राहत देते हुए खुद किराए का भुगतान कर सकती हैं। इसके अलावा जिस राज्य के मजदूर यात्रा करेंगे वो सरकारें भी मजदूरों की ओर से भुगतान कर सकती हैं।

चलेंगी प्वांइट टू प्वाइंट तक विशेष ट्रेनें

रेल मंत्रालय ने कहा है कि फंसे हुए व्यक्तियों को भेजने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर प्वांइट टू प्वाइंट तक विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेलवे और राज्य सरकार वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।

स्क्रीनिंग के बाद ही होगी जाने की अनुमति

एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर करने वालों यात्रियों की स्क्रीनिंग करनी होगी और लक्षण न पाए जाने पर ही  ट्रेन में सफर करने की अनुमति होगी। राज्य सरकार की सैनिटाइज बस में यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक लेकर आएगी और सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। इसके बाद गंतव्य तक पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य सरकार रिसीव करेगी और उनकी स्क्रीनिंग करेगी। जरूरत पड़ने पर राज्य सरकारें क्वारंटाइन की व्यवस्था करेगी।

Web Title: Railways has decided to charge migrant laborers ticket fare

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