तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप अन्य के खिलाफ कर चोरी के मामले में आयकर विभाग की छापेमारी
By भाषा | Updated: March 3, 2021 23:12 IST2021-03-03T23:12:57+5:302021-03-03T23:12:57+5:30

तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप अन्य के खिलाफ कर चोरी के मामले में आयकर विभाग की छापेमारी
मुंबई/नयी दिल्ली, तीन मार्च आयकर विभाग ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू और फिल्मकार अनुराग कश्यप व उनके साझेदारों के घरों और कार्यालयों पर बुधवार को छापेमारी की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी फैंटम फिल्म्स के खिलाफ कर चोरी की जांच का एक हिस्सा है । उन्होंने बताया कि यह छापेमारी मुंबई और पुणे में 30 स्थानों पर की गई जिसमें रिलायंस एंटरटेनमेंट ग्रुप के सीईओ शुभाशीष सरकार तथा सेलिब्रिटी और प्रतिभा प्रबंधन कंपनी केडब्ल्यूएएन के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं।
छापेमारी सुबह शुरू हुई और देर रात तक जारी रहने की संभावना।
अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न परिसरों से दस्तावेज एवं कंप्यूटर आदि उपकरण जब्त किया गए हैं।
पन्नू और कश्यप, दोनों को कई मुद्दों पर अपने विचार रखने में मुखर होने के लिए जाना जाता है। दोनों पुणे में शूटिंग कर रहे हैं और समझा जाता है कि छापेमारी के दौरान होने वाली प्रारंभिक पूछताछ के तहत आयकर अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की।
जिन अन्य के खिलाफ छापेमारी की गई उनमें फैंटम फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस के कुछ कर्मचारी शामिल हैं, जिसे 2018 में भंग कर दिया गया था। इसमें इसके तत्कालीन प्रवर्तक कश्यप, निर्देशक-निर्माता विक्रमादित्य मोटवानी, निर्माता विकास बहल और निर्माता-वितरक मधु मंटेना शामिल हैं।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन संस्थानों के बीच हुए कुछ लेन-देन विभाग की नजर में थे और कर चोरी के आरोपों की जांच को आगे बढ़ाने के लिए सबूत एकत्रित करने के लिए यह कार्रवाई की गई।
सूत्रों ने कहा कि फैंटम फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्मों से हुई कमाई की भी जांच की जा रही है।
मंटेना के खिलाफ छापेमारी केडब्ल्यूएएन के साथ उनके संबंधों के संदर्भ में की जा रही है, जिनमें से वह सह-प्रवर्तक हैं।
कश्यप और पन्नू दोनों विभिन्न मुद्दों पर मुखर विचारों के लिए जाने जाते हैं। दोनों ने 2018 की फिल्म "मनमर्जियां" में साथ काम किया था और अब वे आगामी फिल्म "दोबारा" में साथ काम कर रहे हैं।
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि कश्यप और पन्नू के खिलाफ छापे उनकी टिप्पणियों से जुड़े हैं, जो कई बार भाजपा के प्रति आलोचनात्मक रही हैं।
उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘‘जांच एजेंसियां विश्वसनीय सूचना के आधार पर जांच करती हैं और मामला बाद में अदालतों में भी जाता है।’’
महाराष्ट्र में राज्य के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक द्वारा छापों को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाने की कोशिश करार देने पर इसको लेकर बहस तेज हो गई।
मंत्री ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने वालों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अनुराग कश्यप और पन्नू के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। दोनों मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।’’
उनके कैबिनेट सहयोगी कांग्रेस के अशोक चव्हाण ने कहा कि छापेमारी उन लोगों के खिलाफ दबाव बनाने का केंद्र का तरीका है जो ‘‘तथ्यों’’ को सामने रखते हैं।
छापेमारी ने सोशल मीडिया का काफी ध्यान आकृष्ट किया, लेकिन बॉलीवुड में अधिकतर ने चुप्पी साधे रखी।
पन्नू ने आखिरी ट्वीट 1 मार्च को किया था, जब उन्होंने बलात्कार के आरोपी व्यक्ति से उच्चतम न्यायालय द्वारा यह सवाल पूछने पर बोला था कि क्या वह महिला से शादी करने के लिए तैयार है। जब अदालत को बताया गया कि वह पहले से ही शादीशुदा है, तो उसे संबंधित अदालत से नियमित जमानत लेने के लिए कहा गया।
पन्नू ने इस मामले पर एक कड़ा पोस्ट किया था। 33 वर्षीय अभिनेत्री अपनी फिल्मों ‘पिंक’, ‘थप्पड़’ और ‘बदला’ के लिए जानी जाती हैं।
कश्यप ने पिछले साल सीएए के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान जेएनयू और शाहीन बाग का दौरा किया था और वह कई मुद्दों पर समान रूप से मुखर रहे हैं। वह कभी-कभार दूसरों के ट्वीट को रीट्वीट करने के अलावा ट्विटर पर हाल के दिनों में शांत रहे हैं।
कश्यप (48) हिंदी सिनेमा के सबसे प्रमुख नए निर्देशकों में से एक हैं। वह फिल्मों ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘देव डी’, और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
2011 में स्थापित, उनके प्रोडक्शन हाउस फैंटम फिल्म्स ने ‘लुटेरा’, ‘क्वीन’, ‘अग्ली’, ‘एनएच 10’, ‘मसान’ और ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया है। हालांकि, इसे सात साल बाद बंद कर दिया गया था।
बाद में कश्यप ने ‘गुड बैड फिल्म्स’ नामक एक नई प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, जबकि मोटवानी ने ‘आंदोलन फिल्म्स’ शुरू किया।
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