क्या ऐसे प्रधानमंत्री बनेंगे राहुल गांधी? मनोहर पर्रिकर की चिट्ठी के बाद उठ रहे हैं सवाल
By विकास कुमार | Published: January 30, 2019 06:55 PM2019-01-30T18:55:18+5:302019-01-30T19:54:08+5:30
मनोहर पर्रिकर ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने राहुल गांधी पर राजनीतिक अवसरवादिता का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है, "आपने मुझसे 5 मिनट की मुलाकात की और इस दौरान राफेल को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई.
राहुल गांधी के राजनीतिक आकर्षण में इन दिनों 'राफेल डील' की सबसे ज्यादा भूमिका रही है. 'चौकीदार चोर है' के तमगे से पीएम मोदी को सुशोभित करने के बाद राहुल गांधी ने एक और राजनीतिक हथकंडा खेला है. राहुल गांधी पिछले दिनों गोवा में छुट्टी मनाने गए थे. अचानक मीडिया में खबर में आती है कि राहुल गांधी गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने पहुंचे हैं, उनके इस शिष्टाचार मुलाकात ने राजनीतिक शुचिता का एक नया मिसाल पेश किया था. मनोहर पर्रिकर इन दिनों कैंसर से पीड़ित हैं और बीमार होते हुए भी अपने राज्य की जिम्मेवारियों का निर्वहन कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने बोला झूठ
राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर से मुलाक़ात के बाद आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री से मुलाक़ात की. और इस मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने डील को बदलते हुए उन्हें इस बात से अनजान रखा. राहुल गांधी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने बताया कि मोदी ने उनसे कहा कि अगर आपको दुनिया की सबसे बड़ी डिफेंस डील हासिल करनी है तो आपको इसमें अनिल अंबानी को शामिल करना होगा.
राहुल गांधी की अवसरवादिता
इस बयान के बाद मनोहर परिकर्र ने उनके नाम चिट्ठी लिखी है. उन्होंने राहुल गांधी पर राजनीतिक अवसरवादिता का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है, "आपने मुझसे 5 मिनट की मुलाकात की और इस दौरान राफेल को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. राजनीतिक शिष्टाचार की पर आपने इतने निचले स्तर की राजनीति की, जो आपके यात्रा की ईमानदारी पर सवाल खड़ा करता है."
तो क्या राहुल गांधी की शिष्टाचार मुलाकात राफेल डील को लेकर झूठ फैलाने के लिए की गई थी, अगर ऐसा है तो यह राहुल गांधी के राजनीतिक परिपक्वता पर गहरा सवाल खड़ा कर रहा है? क्या राहुल गांधी राफेल को जबरदस्ती बोफोर्स बनाने पर तुले हैं? इस मुद्दे को उठाने के लिए क्या झूठ का सहारा लेना जरूरी है. देश की डिफेंस क्षमता में इजाफा करने वाले डील पर इस तरह की ओछी राजनीति कहाँ तक जायज है?
Dear Rahul Gandhi, you showed how insensitive you are, by lying in the name of a person fighting a disease.
— Amit Shah (@AmitShah) January 30, 2019
The people of India are disgusted by your reckless behaviour.
In his trademark style, @manoharparrikar ji sets the record straight. https://t.co/ok4GN8I6yS
अमित शाह ने भी साधा निशाना
राहुल गांधी के राफेल डील के दावों को कई बार फ्रांस की सरकार और दसौल्ट एविएशन ने खारिज किया है. लोकसभा चुनाव से पहले मुद्दों की भरमार है. किसानों के मुद्दों से लेकर नौजवानों के रोजगार तक मोदी सरकार कई मोर्चों पर विफल रही है लेकिन उन मुद्दों को हवा देने के बजाए राहुल गांधी इस तरह के राजनीतिक प्रपंच का सहारा क्यों ले रहे हैं? राहुल गांधी ने इस बार झूठ बोल कर स्वयं और कांग्रेस का ही नुकसान किया है.
अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी पर निशाना साधा है. ट्विटर पर 'गेट वेल सून राहुल' ट्रेंड कर रहा है. क्या राहुल गांधी ने गलत दावे कर सेल्फ गोल किया है? लेकिन इतना तय है कि राफेल पर अब उनके आरोपों में संवेदनशीलता आगे से नहीं दिखेगी, जिसके कारण जनता उनके बयानों को पॉलिटिकल प्रोपोगंडा समझकर खारिज कर सकती है.