"राहुल गांधी जी प्लीज...", दिल्ली पहुंचा तेलंगाना वन कटाई का मुद्दा, सड़कों पर कांग्रेस के खिलाफ लगे पोस्टर
By अंजली चौहान | Updated: April 5, 2025 07:39 IST2025-04-05T07:34:51+5:302025-04-05T07:39:41+5:30
Telangana Kancha Gachibowli: भाजपा नेता तजिंदर बग्गा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर लगाए गए होर्डिंग्स देखे जा सकते हैं, जिन पर नारा लिखा है, “राहुल गांधी जी कृपया तेलंगाना में हमारे जंगलों को काटना बंद करें”,

"राहुल गांधी जी प्लीज...", दिल्ली पहुंचा तेलंगाना वन कटाई का मुद्दा, सड़कों पर कांग्रेस के खिलाफ लगे पोस्टर
Telangana Kancha Gachibowli: तेलंगाना में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास के जंगलों का काटने का मुद्दा अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के नाते बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने का काम शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता तजिंदर बग्गा ने हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटे कांचा गाचीबोवली गांव में हरियाली को साफ करने के मुद्दे को लेकर दिल्ली में पोस्टर लगवाए। दिल्ली की सड़कों पर ये पोस्टर दिखाई दिए जिसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला किया। होर्डिंग्स में लिखा था, "राहुल गांधी जी कृपया तेलंगाना में हमारे जंगलों को काटना बंद करें।"
मालूम हो कि कांचा गाचीबोवली जंगल की कटाई के कारण तेलंगाना में प्रदर्शन हो रहे हैं और जनता की मांग है कि जंगल को न काटा जाए। वहीं, 3 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के कांचा गाचीबोवली में एक वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का स्वत: संज्ञान लेते हुए, साइट पर पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी और मुख्य सचिव को चेतावनी दी कि अगर उसके आदेश का पालन नहीं किया गया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे। जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, "यह बहुत गंभीर मामला है। कानून को अपने हाथ में नहीं लिया जा सकता।"
#WATCH | Delhi | Hoardings put by BJP leader Tajinder Bagga can be seen at several places in the National Capital with the slogan “Rahul Gandhi ji please stop cutting down our jungles in Telangana”, related to the issue of clearance of green cover in Kancha Gachibowli village, an… pic.twitter.com/VANFV8SGjb
— ANI (@ANI) April 5, 2025
कोर्ट ने आदेश दिया कि अगले आदेश तक, साइट पर पहले से मौजूद पेड़ों की सुरक्षा को छोड़कर किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं होगी। पीठ ने आगे कहा कि तेलंगाना के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे और अगर न्यायालय के निर्देशों का सही भावना से पालन नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी। पीठ ने मुख्य सचिव से न्यायालय के प्रश्नों का उत्तर देने को कहा, जिसमें यह बताना भी शामिल था कि वन क्षेत्र से पेड़ों को हटाने सहित विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करने की "अनिवार्य आवश्यकता" क्या थी।
पीठ ने मुख्य सचिव को हलफनामे में यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या इस तरह की गतिविधि के लिए राज्य ने पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रमाणपत्र और वन अधिकारियों या किसी अन्य प्राधिकरण से अपेक्षित अनुमति का विकल्प चुना था या नहीं। इसने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को भी साइट का दौरा करने और 16 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) द्वारा साइट का दौरा करने के बाद प्रस्तुत रिपोर्ट को देखते हुए कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि वन क्षेत्र में भारी विकासात्मक गतिविधि की जा रही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "रजिस्ट्रार (न्यायिक) की रिपोर्ट और उनके द्वारा भेजी गई तस्वीरें एक भयावह तस्वीर पेश करती हैं। बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जा रहा है, इसके अलावा लगभग 100 एकड़ क्षेत्र को नष्ट करने के लिए बड़ी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि उक्त क्षेत्र में कुछ मोर, हिरण और पक्षी भी देखे गए थे... प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि जंगली जानवरों के कारण जंगल में जंगल था।"
गौरतलब है कि यह भूमि हैदराबाद के आईटी हब में स्थित है और लोगों द्वारा वहां हरियाली और वन्यजीवों के लिए जगह के नुकसान पर चिंता व्यक्त करने के कारण यह विवादास्पद हो गया है।