लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा-सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं, महाराष्ट्र में हुई लोकतंत्र की हत्या

By स्वाति सिंह | Updated: November 25, 2019 12:13 IST2019-11-25T12:13:52+5:302019-11-25T12:13:52+5:30

सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो" के नारे लगाए। स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

Rahul Gandhi in Parliament saying that ‘Democracy murdered in Maharashtra | लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा-सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं, महाराष्ट्र में हुई लोकतंत्र की हत्या

स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

Highlightsराहुल गांधी ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हालत को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया। लोकसभा में कहा प्रश्नकाल के दौरान राहुल ने कहा राज्य में लोकतंत्र की हत्या की गई है।'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हालत को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया। लोकसभा में कहा प्रश्नकाल के दौरान राहुल ने कहा राज्य में लोकतंत्र की हत्या की गई है।' समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राहुल गांधी के हवाले से कहा गया, "मैं सदन में एक सवाल पूछना चाहता था लेकिन अभी सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्याकी गई है।"

सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो" के नारे लगाए। स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

उधर, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला मंगलवार को सुनाएगा। कोर्ट ने आज सुबह 10:30 सुनवाई शुरू की। महाराष्ट्र मामले में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि मंगलवार (26 नवंबर) की सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगा। फैसला सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पत्र सौंपे, साथ ही अजित पवार के समर्थन वाला पत्र पेश किया।

मेहता ने पत्र पेश करते हुए कहा, अजित पवार ने कहा था हमारे पास 54 विधायक है और हम बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं इसलिए हम चाहते है कि देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए बुलाया जाए।

महाराष्ट्र का सियासी समीकरण

भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।

 खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें फड़नवीसः एनसीपी

उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुए। देवेन्द्र फडणवीस के पास संख्या बल नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर होगा कि वह खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें अन्यथा सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएंगे।’’ मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक राकांपा के ‘लापता’ पांच विधायकों में से दो लौट आए हैं और एक अन्य ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर राकांपा के साथ होने के बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शेष विधायकों के शाम तक लौटने की उम्मीद करते हैं।’’ 

Web Title: Rahul Gandhi in Parliament saying that ‘Democracy murdered in Maharashtra

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