कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा और कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में दो घंटे तक बोलीं, लेकिन दो आसान सवालों का जवाब नहीं दिया। राहुल गांधी ने लोकसभा की शुक्रवार की कार्यवाही का एक संक्षिप्त वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, ' रक्षा मंत्री संसद में दो घन्टे तक बोलीं, लेकिन मेरे दो आसान सवालों का जवाब नहीं दे सकीं।' उन्होंने कहा, 'इस वीडियो को देखिए और शेयर करिए। ये सवाल हर भारतीय को प्रधानमंत्री एवं उनके मंत्रियों से पूछने दीजिये।'
उन्होंने सवाल किया, 'एचएएल से अनुबंध छीनकर अनिल अंबानी की कंपनी को किसने दिया? क्या नए सौदे को लेकर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को आपत्ति थी?" गांधी ने शुक्रवार को यह भी कहा था कि 2019 में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर राफेल मामले की आपराधिक जांच होगी और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार (3 जनवरी) को ही राहुल गांधी ने 'परीक्षा' के लिए प्रधानमंत्री को चार सवाल भी भेजे थे। राहुल ने पूछा था कि हर विमान के लिए 560 करोड़ रुपये की जगह 1600 करोड़ रुपये का भुगतान क्यों हुआ और करार 'एए' (रिलायंस समूह के अनिल अंबानी का संदर्भ) को क्यों दिया गया, सार्वजनिक क्षेत्र की हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स लिमिटेड को क्यों नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्विटर पर लिखा,'कल, प्रधानमंत्री संसद में 'ओपन बुक राफेल सौदा परीक्षा' का सामना करेंगे।' इसके बाद शुक्रवार को सीतारमण ने 36 राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाये जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों का दो घंटे के भाषण में बिंदुवार जवाब दिया।
रक्षामंत्री ने अपने जवाब में कांग्रेस पर फर्जीवाड़े का सहारा लेकर देश को भ्रमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बोफोर्स घोटाले के कारण कांग्रेस की सरकार गयी थी और राफेल सौदा नरेंद्र मोदी की सरकार को सत्ता में वापस लाएगा।