बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर असर डालता है अभिभावकों के बीच का झगड़ा: दिल्ली हाई कोर्ट

By भाषा | Updated: May 1, 2020 21:30 IST2020-05-01T21:30:25+5:302020-05-01T21:30:25+5:30

सैन्य अधिकारी और उनकी पत्नी के बीच बच्चों के संरक्षण को लेकर चल रहे मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि जब माता-पिता लड़ते हैं तो उसका असर बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

Quarrels between parents affect psychological health of children: Delhi High Court | बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर असर डालता है अभिभावकों के बीच का झगड़ा: दिल्ली हाई कोर्ट

सैन्य अधिकारी वहीं तैनात थे। इसके बाद उनकी पत्नी ने बच्चों के संरक्षण के लिए परिवार अदालत में याचिका दाखिल की थी। (फाइल फोटो)

Highlightsसैन्य अधिकारी की पत्नी ने बच्चों के संरक्षण के लिए परिवार अदालत में याचिका दाखिल की थी।अधिकारी ने अपनी पत्नी पर सह अधिकारी के साथ संबंध होने का आरोप लगाया था और 2015 में वह अपनी बेटी और बेटे को गुलमर्ग ले गए थे। 

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सैन्य अधिकारी और उनकी पत्नी के बीच बच्चों के संरक्षण को लेकर चल रहे मामले में बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि जब माता-पिता लड़ते हैं तो उसका असर बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अधिकारी ने अपनी पत्नी पर सह अधिकारी के साथ संबंध होने का आरोप लगाया था और 2015 में वह अपनी बेटी और बेटे को गुलमर्ग ले गए थे। 

सैन्य अधिकारी वहीं तैनात थे। इसके बाद उनकी पत्नी ने बच्चों के संरक्षण के लिए परिवार अदालत में याचिका दाखिल की थी। 2016 में अदालत का फैसला अधिकारी की पत्नी के पक्ष में आया था। इसमें अधिकारी को शिक्षण सत्र 2017-18 समाप्त होने के बाद बच्चों को उनकी मां को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। सैन्य अधिकारी ने परिवार अदालत के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। 

उच्च न्यायालय ने परिवार अदालत के फैसले को बरकरार रखा और कोविड-19 के कारण लागू बंद समाप्त होने के बाद बच्चों का संरक्षण महिला को देने के निर्देश दिए। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने बच्चों का संरक्षण उनकी मां को देने का निर्देश देते हुए कहा,‘‘...अभिभावकों का प्यार ही एकमात्र ऐसा प्यार है, जो निस्वार्थ होता है, जो बिना शर्त होता है और क्षमाशील होता है। लेकिन जब माता पिता झगड़ते हैं तो वे केवल आपस में ही झगड़ा नहीं कर रहे होते बल्कि अपने बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहे होते हैं। 

यह पूरी तरह से गैर इरादतन हो सकता है, लेकिन यह जीवन का कटु सत्य है। यह मामला भी ऐसी ही परिस्थितियों को पेश करता है।’’ अदालत ने व्यक्ति से बच्चों के सभी शिक्षण सार्टिफिकेट भी उनकी मां को सौंपने के निर्देश दिए, ताकि वह बच्चों का दाखिला दिल्ली में कराने का प्रयास कर सकें। अदालत ने कहा कि अगर महिला बंद समाप्त होने के बाद स्कूल शुरू होने के दो सप्ताह के भीतर बच्चों का दाखिला किसी स्कूल में नहीं करा पाती, तो बच्चे अपने पिता के पास मथुरा चले जाएंगे, जहां फिलहाल उनकी पढ़ाई चल रही है, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित नहीं हो।

Web Title: Quarrels between parents affect psychological health of children: Delhi High Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे