नयी दिल्ली, सात अगस्त विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संघर्ष समाधान के लिए कतर के विशेष दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी से मुलाकात करने के बाद शनिवार को कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति का तेजी से बिगड़ना एक ‘‘गंभीर मामला’’ है।
आतंकवाद विरोधी और संघर्ष समाधान की मध्यस्थता के लिए कतर के विदेश मंत्री के विशेष दूत अल-कहतानी अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए भारत दौरे पर आए हुए हैं।
जयशंकर ने अल-कहतानी से बैठक के बाद कई ट्वीट कर कहा कि शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान के लिए आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों के अधिकारों एवं हितों की रक्षा हो और इन्हें बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘कतर के विशेष दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी की अगवानी करके प्रसन्नता हुई। अफगानिस्तान में हाल के हालातों पर भारत के नजरिए और हाल की चर्चाओं के दौरान क्षेत्र की ओर से जो चिंताएं सामने आईं उनसे उन्हें अवगत करवाया।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘तेजी से बिगड़ते सुरक्षा हालात गंभीर मसला है। शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान के लिए आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों के अधिकारों एवं हितों की रक्षा हो और इन्हें बढ़ावा दिया जाए।’’
अफगान शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने वाले कहतानी ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विदेश सचिव और कतर के दूत के बीच हुई बैठक के बारे में कहा, ''उन्होंने दोहा में हुई अफगानिस्तान शांति वार्ता पर चर्चा की और वहां बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर चिंता जाहिर की।''
अल-कहतानी और विदेश मंत्रालय (एमईए) में संयुक्त सचिव जे पी सिंह के बीच अफगानिस्तान की स्थिति पर शुक्रवार को वार्ता हुई थी।
अफगानिस्तान की स्थिरता में एक अहम पक्षकार होने के नाते भारत क्षेत्र के अन्य देशों और युद्धग्रस्त देश में तेजी से बदलते हालात के मद्देनजर सभी अहम पक्षकारों के साथ वार्ता कर रहा है।
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