चंडीगढ़: रोहतक की सुनारिया जेल से पेरोल से रिहा होने के बाद सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के द्वारा किये जा रहे सार्वजनिक कार्यों पर उंगलियां उठने लगी हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने राम रहीम के कार्यशैली पर आपत्ति जताते हुए सरकार से उनकी आपत्तिजनक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख एडवोकेट हरजिंदर एस धामी ने राम रहीम द्वारा पंजाब के सुनाम में नाम चर्चा घर खोले जाने पर तीखा एतराज जताते हुए कहा कि राम रहीम की कार्यशाली के सिख भावनाएं आहत हो सकती हैं और ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। इसलिए सरकार राम रहीम की गतिविधियों पर फौरन अंकुश लगाते हुए फौरी कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित करे कि सुनाम में उनके द्वारा किसी भी तरह की ऐसा कार्य न किया जाए जिससे धार्मिक सद्भाव खराब हो।
दरअसल यह मामला तब विवाद में आया जब बीते गुरुवार को डेरा प्रमुख राम रहीम द्वारा पंजाब के सुनाम में डेरा का नया वर्चुअल संवाद केंद्र खोले जाने का ऐलान किया। जिसके कारण सिख समुदाय में इसे लेकर भारी गहमागहमी है।
40 दिनों के लिए सलाखों के आजाद होने वाले राम रहीम ने गुरुवार को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम में संगत की थी। इसी संगत के दौरान राम रहीम ने सुनाम में सच्चा सौदा का डेरा खोलने की बात कही थी।
डेरा प्रेमियों से चर्चा के दौरान राम रहीम ने सुनाम में नाम चर्चा घर खोले जाने के बारे में बात की, जिस पर सभी डेरा प्रेमियों ने सहमति जताई। राम रहीम ने प्रेमियों से पूछा था कि क्या सुनाम में डेरा बनाने के लिए जगह है? इस पर प्रेमियों ने कहा कि वो जमीन वे खरीद लेंगे।
डेरा प्रेमियों के यह कहने के बाद राम रहीम ने सुनाम में डेरा खोलने की सहमति दे दी थी। मालूम हो कि गुरमीत राम रहीम का हरियाणा के सिरसा में मुख्य आश्रम है, जहां उन पर दो महिला भक्तों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। कोर्ट में दोष सिद्ध होने के बाद राम रहीम को 20 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी, जो वह रोहतक की सुनारिया जेल में काट रहे हैं।