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दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के लिए गिरफ्तार 83 लोगों को दो लाख रुपये का मुआवजा देगी पंजाब सरकार

By भाषा | Updated: November 14, 2021 00:01 IST

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चंडीगढ़, 13 नवंबर पंजाब सरकार ने इस साल गणतंत्र दिवस पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च के हिंसक होने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों में से प्रत्येक को मुआवजे के रूप में दो लाख रुपये देने का फैसला किया है।

तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की अपनी दो प्रमुख मांगों को विशेष रूप से सामने रखने के लिए किसानों ने 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रैक्टर मार्च निकाला था।

हालांकि, मार्च ने हिंसक रूप ले लिया जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया, पुलिस के साथ संघर्ष किया, वाहनों को पलट दिया और ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया था।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, “तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध का समर्थन करने के लिए मेरी सरकार के रुख को दोहराते हुए, हमने 26 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है।”

केंद्र ने किसानों के साथ 11 दौर की औपचारिक बातचीत की और कहा कि नए कानून किसान समर्थक हैं, जबकि प्रदर्शनकारियों का दावा है कि कानूनों के कारण उन्हें निगमों के अधीन छोड़ दिया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी ने, हालांकि, प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को ‘‘विघटनकारी ताकतों को खिलाने’’ के लिए करदाताओं के पैसे बर्बाद करने का कोई अधिकार नहीं है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर "देश में विध्वंसक ताकतों का समर्थन करने और उन्हें बढ़ावा देने" का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुये चुग ने कहा कि चन्नी को पता होना चाहिए कि जांच एजेंसियों ने उन पर ‘तबाही’ करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने प्रश्न किया, ‘‘क्या चन्नी और पीपीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू अपनी राजनीतिक भूख के लिए पंजाब में यही करना चाहते हैं ।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ‘‘विघटनकारी ताकतों को खिलाने के लिए करदाताओं के पैसे बर्बाद करने’’ का कोई अधिकार नहीं है।

पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने मुख्यमंत्री के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया और कहा कि भाजपा राज्य सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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