पंजाब कांग्रेस में बवाल, नवजोत सिंह सिद्धू और गुलजार इंदर चहल के बाद कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने दिया इस्तीफा
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 28, 2021 19:22 IST2021-09-28T19:16:59+5:302021-09-28T19:22:53+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के कुछ दिन बाद अमरिंदर सिंह भविष्य की अपनी रणनीति को लेकर लग रही अटकलों के बीच मंगलवार को दिल्ली पहुंचे।

सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे।
चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद रजिया सुल्ताना ने राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है। रजिया सुल्ताना ने दो दिन पहले पंजाब के कैबिनेट मंत्री के रूप में पदभार संभाला था।
रजिया सुल्ताना ने कहा कि सिद्धू साहब सिद्धांतों के आदमी हैं, वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं।'' पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भेजे त्यागपत्र में सुल्ताना ने कहा कि वह ‘नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए’ इस्तीफा दे रही हैं। सुल्ताना को सिद्धू की करीबी माना जाता है।
उनके पति मोहम्मद मुस्तफा सिद्धू के प्रधान रणनीतिक सलाहकार हैं जो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रह चुके हैं। इससे पहले आज दिन में सुल्ताना को जल आपूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास तथा मुद्रण एवं स्टेशनरी विभागों का प्रभार सौंपा गया था। अमरिंदर सिंह नीत सरकार में वह परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
Razia Sultana, who took as a Cabinet Minister of Punjab two days ago, resigns "in solidarity with Navjot Singh Sidhu", who stepped down as Punjab Congress president earlier today
— ANI (@ANI) September 28, 2021
She says, "Sidhu Sahab is a man of principles. He is fighting for Punjab and Punjabiyat." pic.twitter.com/XyL1fY4Ysq
नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है। राज्य में नयी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद सिद्धू ने पद छोड़ दिया। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे। सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के साथ नेतृत्व को लेकर खींचतान के बीच इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था।
अमरिंदर सिंह ने दस दिन पहले पार्टी आलाकमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा।’’ सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंगलवार को पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने आपसे कहा था... वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है।’’अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को ‘‘खतरनाक’’ और ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ बताया था । उनका इस्तीफा अचानक उस दिन हुआ जब अमरिंदर सिंह दिल्ली के लिए रवाना हुए। सिंह की यात्रा की योजना से उन अटकलों को बल मिला था कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं से मिल सकते हैं। हालांकि, उनके मीडिया सहयोगी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह निजी दौरे पर राजधानी आए हैं और ‘कपूरथला हाउस’ खाली करेंगे, जहां पंजाब के मुख्यमंत्री दिल्ली के दौरे के दौरान रुकते हैं।
सिद्धू के इस्तीफे से उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही है, जो कांग्रेस में शामिल होने से पहले भाजपा के साथ थे। दिल्ली में, आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि सिद्धू ने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि एक गरीब व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया गया था। पिछले सप्ताह कार्यभार संभालने वाले चरणजीत सिंह चन्नी राज्य में अनुसूचित जाति के पहले मुख्यमंत्री हैं।