अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कहा-इन घटनाक्रमों से राज्य में अस्थिरता आ सकती है...
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 19, 2021 16:01 IST2021-09-19T16:00:26+5:302021-09-19T16:01:27+5:30
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंबे समय तक चली तनातनी के बाद अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी को पत्र लिखा और पद छोड़ने के फैसले से उन्हें अवगत कराया।
चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हालिया घटनाक्रमों को लेकर पीड़ा व्यक्त की और इस बात को लेकर चिंता जताई कि इन घटनाक्रमों से राज्य में अस्थिरता आ सकती है। सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी को पत्र लिखा और पद छोड़ने के फैसले से उन्हें अवगत कराया।
पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत पीड़ा के इतर, मैं आशा करता हूं कि राज्य में बहुत मुश्किल से मिली शांति और विकास को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे तथा सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने का वो प्रयास निर्बाध रूप से जारी रहे, जो मैं पिछले कुछ वर्षों से कर रहा था।’’
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। दो टूक कहा कि बार-बार विधायकों की बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद पद छोड़ने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री के बाद हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सोनिया गांधी को अधिकृत किया गया कि वह विधायक दल के नये नेता का चयन करें। यह नया नेता ही पंजाब का अगला मुख्यमंत्री होगा। सूत्रों के मुताबिक, नये विधायक दल के नेता के तौर पर सिद्धू के अलावा कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के नाम चर्चा में हैं।
दूसरी तरफ, अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के नाम कड़ा विरोध करते हुए उन पर पाकिस्तान के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया और कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने से पंजाब का बेड़ा गर्क हो जाएगा। कांग्रेस के 50 से अधिक विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की थी।
इसी पत्र के बाद पार्टी आलाकमान ने विधायक दल की बैठक बुलाने का निर्देश दिया। इस्तीफा देने से पहले, अमरिंदर सिंह ने अपने आवास पर समर्थक विधायकों की बैठक की। सूत्रों का कहना है कि करीब 15 विधायकों एवं मंत्रियों ने उनके प्रति अपना समर्थन जताया, जबकि राज्य बाद उनमें समर्थक विधायक भी विधायक दल की बैठक में शामिल हुए।