लाइव न्यूज़ :

पंजाब के मुख्यमंत्री ने हरसिमरत पर कृषि कानूनों को थोपने में शामिल होने का आरोप लगाया

By भाषा | Updated: September 15, 2021 23:37 IST

Open in App

चंडीगढ़, 15 सितंबर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की सांसद हरसिमरत कौर बादल पर कृषि कानूनों को थोपने में केंद्र के साथ मिलने होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी संकट को टाल सकती थी जब वह केंद्र सरकार का हिस्सा थी।

बठिंडा की सांसद ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की भाषा बोलने का आरोप लगाया था क्योंकि सिंह ने कथित रूप से कहा था कि किसानों का आंदोलन राज्य के आर्थिक विकास में बाधा बन रहा है।

बादल की पार्टी ने कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक बयान में कहा, “किसी भी अकाली नेता, खासकर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को कृषि कानूनों से उत्पन्न संकट पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है, जिसे तब आसानी से टाला जा सकता था जब वे केंद्र सरकार का हिस्सा थे।”

बादल की टिप्पणी का उपहास उड़ाते हुए सिंह ने कहा कि अगर इसे केंद्र और पड़ोसी हरियाणा में सत्ताधारी पार्टी पर छोड़ दिया गया होता तो किसान अपनी आवाज (केंद्र सरकार तक) पहुंचाने के लिए दिल्ली की सीमा तक नहीं पहुंच पाते।

उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसानों को दिल्ली जाने के लिए नहीं कहा। आपकी गठबंधन सरकार की गलतियों के कारण उन्हें अपने घरों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा और यहां तक कि उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।”

मुख्यमंत्री ने बादल से कहा कि वह न सिर्फ पंजाब, बल्कि पूरे देश के किसानों पर कृषि कानून थोपने में अपनी संलिप्तता को लेकर झूठ बोलना बंद करें।

किसानों को पंजाब में प्रदर्शन करने के कौर के सुझाव को ‘‘बहुत अरूचिकर’’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह पूर्वी सीमा पर खड़े दुश्मन से लड़ने के लिए किसी को पश्चिमी मोर्चे पर जाने के लिए कहने जैसा है।”

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि अकाली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों का ध्यान केंद्र से हटाकर राज्य पर डलवाने की कोशिश कर रहा है।

मुख्यमंत्री के बयान पर बादल ने कहा कि उनके विरूद्ध सिंह के बयान से सिद्ध हो गया है कि पंजाब के शांतिप्रिय एवं देशभक्त किसानों को गलत रूप में पेश नहीं करने की बात कहने पर वह कितना चिढ़ जाते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वविदेशी धरती पर पीएम मोदी मिला इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान, यह अवार्ड पाने वाले बने विश्व के पहले नेता

स्वास्थ्यमधुमेह का महाप्रकोप रोकने की क्या तैयारी ?

विश्वसोशल मीडिया बैन कर देने भर से कैसे बचेगा बचपन ?

पूजा पाठPanchang 17 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 17 December 2025: आज तर्क-वितर्क से दूर रहें मेष राशि के जातक, वरना हो सकता है झगड़ा

भारत अधिक खबरें

भारतYear Ender 2025: चक्रवात, भूकंप से लेकर भूस्खलन तक..., विश्व भर में आपदाओं ने इस साल मचाया कहर

भारतAadhaar card update: आधार कार्ड से ऑनलाइन फ्रॉड से खुद को रखना है सेफ, तो अभी करें ये काम

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय

भारतकौन हैं ऋतुराज सिन्हा?, नितिन नबीन की जगह दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी