पंजाब: अकाली दल में असंतोष, पार्टी का बड़ा वर्ग चाहता है सुखबीर बादल छोड़ें पार्टी प्रमुख का पद
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 10, 2022 02:32 PM2022-08-10T14:32:22+5:302022-08-10T14:36:46+5:30
पंजाब में साल 2022 के विधानसभा चुनाव शिरोमणी अकाली दल की शर्मनाक पराजय के बाद पार्टी में शीर्ष नेतृत्व के प्रति असंतोष फैल रहा है। पार्टी का बड़ा वर्ग चाहता है कि सुखबीर बादल अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें।
चंडीगढ़:पंजाब की प्रमुख राजनैतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल में शीर्ष नेतृत्व को लेकर असंतोष पैदा हो रहा है। बीते विधानसभा चुनाव में महज तीन सीटों पर सिमटने वाली अकाली दल में पार्टी कैडर का एक बड़ा वर्ग नेतृत्व में बदलाव चाहता है, इसका सीधा मतलब है कि पार्टी के कई बड़े नेताओं की राय है कि प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल पार्टी प्रमुख का पद छोड़ दें।
जानकारी के अनुसार पार्टी नेता विधानसभा चुनाव में लांबी विधानसभा क्षेत्र से खड़े हुए 94 साल के वयोवृद्ध नेता और पार्टी के संस्थापक प्रकाश सिंह बादल की हार को पचा नहीं पा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिह बादल ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में खड़े होकर देश में विधानसभा चुनावों के इतिहास में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार के रूप में रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन उन्हें आप प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी का एक बड़ा धड़ा मौजूदा हालात के लिए सीधे तौर पर सुखबीर बादल को दोषी मानते हुए चाहता है कि बादल पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दें।
समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस संबंध में सोमवार को अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं ने अमृतसर में बैठक की और मांग की कि सुखबीर फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के विनाशकारी प्रदर्शन के मद्देनजर गठित समिति की रिपोर्ट की सभी सिफारिशों को लागू करें।
चुनावी हार के बाद पार्टी ने इकबाल सिंह झुंडा के नेतृत्व में एक समिति बनाई थी। जिसने पार्टी के शीर्ष स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन, 'एक परिवार एक विधायक' का फॉर्मूला, अध्यक्ष के लिए दो साल का कार्यकाल और 2007 से राज्य में पार्टी के शासन के दौरान की गई गलतियों के लिए क्षमा मांगने का सुझाव दिया।
खबरों की माने तो बैठक में शामिल होने वाले नेताओं ने फैसला किया है कि वो इकबाल सिंह झुंडा समिति की सिफारिशों को लागू करने के संबंध में सीधे सुखबीर बादल से संपर्क करेंगे। बताया जा रहा है कि अकाली दल के वरिष्ठ नताओं की यह बैठक विधानसभा चुनाव में हार के बाद सुखबीर बादल द्वारा पार्टी की सभी शाखाओं को भंग करने के कुछ दिनों बाद हुई है।
अमृतसर की बैठक में शामिल हुए एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बैठक में शामिल हुए तमाम सहयोगियों का मानना है कि इतनी शर्मनाक हार के बाद पार्टी को फिर से मजबूत बनाने के लिए सुखबीर बादल को अध्यक्ष पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम सभी में से अधिकांश नेताओं का विचार है कि बादल झुंडा समिति की रिपोर्ट को फौरन लागू करें।"
इस बीच अकाली दल के पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और जगमीत सिंह बराड़ समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल द्वारा गठित की गई अनुशासनात्मक समिति पर आपत्ति जताई है और असंतुष्ट नेताओं का आरोप है कि बादल उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम के मध्य अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा है कि अगर पंजाब में अकाली दल अपने अस्तित्व की रक्षा करना चाहती है तो उसे सत्ता की लालसा से दूर होकर सिख सिद्धांतों को फैलाने की दिशा में काम करना चाहिए।