पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर शनिवार को यहां सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं को इस चुनौती से निपटने के लिए उठाए गए अपने कदमों से अवगत कराया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलाए इस आतंक से लड़ने और सेना-सुरक्षा बलों के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया गया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह बैठक बुलाई है जिसमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओ’ब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जितेंद्र रेड्डी, भाकपा के डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और लोजपा के रामविलास पासवान समेत कई अन्य नेता शामिल थे।
सिंह हमले के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को कश्मीर में मौजूद थे। अकाली दल के नरेश गुजराल, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा एवं राजद के जय प्रकाश नायाराण यादव भी इस बैठक में शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए हैं। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
राजनीतिक पार्टियों ने हमले के बाद एकजुटता दिखाई है और इस मामले में राजग सरकार की कार्रवाई को अपना समर्थन दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा और उनकी सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी है।
(भाषा इनपुट के साथ)