जनस्वास्थ्य समूहों और डॉक्टरों ने अगले बजट में तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने की मांग की

By भाषा | Updated: December 12, 2021 16:53 IST2021-12-12T16:53:02+5:302021-12-12T16:53:02+5:30

Public health groups and doctors demand increase in excise duty on tobacco products in the next budget | जनस्वास्थ्य समूहों और डॉक्टरों ने अगले बजट में तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने की मांग की

जनस्वास्थ्य समूहों और डॉक्टरों ने अगले बजट में तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने की मांग की

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर अर्थशास्त्रियों और डॉक्टरों सहित जन स्वास्थ्य समूहों ने सरकार से अपील की है कि वह वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में अतिरिक्त राजस्व के लिए सभी तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि करे।

उन्होंने वित्त मंत्रालय से की गई अपील में सिगरेट, बीड़ी और बिना धुंआ वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह नीति केंद्र सरकार की तत्काल राजस्व बढ़ाने की जरूरत के लिए प्रभावी होगी। इससे राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही तंबाकू से होने वाली मौतों और कोविड-19 संबंधित सहरुग्णताओं में भी कमी आएगी।

वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मुख्य कार्यकारी भावना मुखोपाध्याय ने एक बयान में कहा कि तंबाकू से मिलने वाला राजस्व महामारी के दौरान अधिक संसधानों की जरूरत को पूरी करने में उल्लेखनीय योगदान करेगा जिससे टीकाकरण और स्वास्थ्य अवसंचना को बढ़ाने जैसे कार्य किए जा सकेंगे।

मुखोपाध्याय ने कहा, ‘‘सभी तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और तंबाकू उत्पाद कम वहनीय होगा, खासतौर पर युवाओं के लिए। इससे असुरक्षित आबादी में तंबाकू के इस्तेमाल को कम करने का ठोस आधार तैयार होगा और इसका दीर्घकालिक असर देश के 26.8 करोड़ तंबाकू उत्पाद इस्तेमाल करने वाले लोगों पर पड़ेगा और बच्चे और युवा इसके इस्तेमाल से दूर होंगे।’’

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने संसद के चालू शीतकालीन सत्र में बताया था कि तंबाकू उत्पादों पर लागू उत्पाद शुल्क और उपकर से सरकार को 2018-2019, 2019-2020 और 2020-21 में क्रमश: 1,234 करोड़, 1,610 करोड़ और 4,962 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ।

कोच्चि स्थित राजागिरि कॉलेज ऑफ सोशल साइंसेज में अनुबंध प्रोफेसर और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री रीजो जॉन ने कहा कि दुनिया के कई देशों में तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी या बिक्री कर के साथ उच्च उत्पाद शुल्क है और वे इसमें लगातार संशोधन करते हैं जबकि भारत में तंबाकू पर उत्पाद शुल्क अब भी बहुत कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘तंबाकू उद्योग एक तरह से तंबाकू उत्पादों पर कर मुक्त सत्र का आनंद उठा रहा है क्योंकि जीएसटी लागू करने के बाद गत चार साल में इनके कर में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं की गई। इससे तंबाकू उत्पाद और सस्ते हो गए हैं। यह जन स्वास्थ्य के लिए अहितकर हो गया है और पूरी आंशका है कि वर्ष 2010 से 2017 के बीच तंबाकू उत्पाद में लाई गई कमी फिर पुरानी स्थिति में चली जाए’’।

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में गले के कैंसर विभाग में प्रमुख सर्जन पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि भारत दुनिया का दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक 26.8 करोड़ तंबाकू उपभोक्ता हैं और इनमें से 13 लाख लोगों की तंबाकू संबंधी बीमारियों से मौत हो जाती है। भारत में कैंसर के 27 प्रतिशत मामले तंबाकू की वजह से है।

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Web Title: Public health groups and doctors demand increase in excise duty on tobacco products in the next budget

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