अपने पति पर गर्व है, पुंछ में आतंकियों संग मुठभेड़ में शहीद मनदीप की पत्नी ने कहा- रविवार को हुई थी आखिरी बार बात
By अनिल शर्मा | Updated: October 13, 2021 11:29 IST2021-10-13T11:18:21+5:302021-10-13T11:29:52+5:30
मनदीप कौर ने कहा कि रविवार को पति से अंतिम बार फोन पर बात हुई थी और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे इसके बाद एक-दूसरे से बात नहीं कर पाएंगे। मनदीप (30) पंजाब के गुरदासपुर जिले के छाता शिरा गांव के रहने वाले थे।

अपने पति पर गर्व है, पुंछ में आतंकियों संग मुठभेड़ में शहीद मनदीप की पत्नी ने कहा- रविवार को हुई थी आखिरी बार बात
चंडीगढ़ः जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों के साथ सोमवार को मुठभेड़ में शहीद हुए नायक मनदीप सिंह की पत्नी मनदीप कौर ने कहा कि उन्हें अपने पति पर गर्व है जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया।
मनदीप कौर ने कहा कि रविवार को पति से अंतिम बार फोन पर बात हुई थी और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे इसके बाद एक-दूसरे से बात नहीं कर पाएंगे। मनदीप (30) पंजाब के गुरदासपुर जिले के छाता शिरा गांव के रहने वाले थे। पुंछ के सूरनकोट में शहीद हुए नायब सूबेदार जसविंदर सिंह और सिपाही गज्जन सिंह भी पंजाब के रहने वाले थे।
मनदीप के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं
अधिकारियों के मुताबिक, तीनों सैनिकों के पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गृह नगर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भी एक सैनिक के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने की संभावना है। मनदीप के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। उनके बड़े बेटे की उम्र जहां तीन वर्ष है वहीं छोटा बेटा महज एक महीने का है। मनदीप के घर पर मंगलवार को सांत्वना देने उनके रिश्तेदार और ग्रामीण पहुंचे। इसी तरह के दृश्य नायब सूबेदार जसविंदर सिंह और सिपाही गज्जन सिंह के घरों पर भी देखने को मिले।
चार भाईयों में सबसे छोटे गज्जन की शादी इस वर्ष फरवरी में हुई थी
गज्जन (27) रूपनगर जिले के पचरंदा गांव के रहने वाले थे। चार भाईयों में सबसे छोटे गज्जन की शादी इस वर्ष फरवरी में हुई थी। उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह बुधवार को घर आने वाले थे। उनके बड़े भाई अमरजीत सिंह ने कहा कि सोमवार को परिवार को सूचना मिली कि वह आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए हैं।
जसविंदर (39) कपूरथला जिले के माना तलवंडी गांव के रहने वाले थे। उनके बड़े भाई और सेवानिवृत्त सैनिक राजेंद्र सिंह ने कहा कि जसविंदर 18 वर्ष की उम्र में सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि उनके पिता कैप्टन (मानद) हरभजन सिंह भी सेना में थे। कुछ महीने पहले कोविड-19 से उनका निधन हो गया।
जसविंदर को 2006 में सेना मेडल से पुरस्कृत किया गया था
जसविंदर को 2006 में सेना मेडल से पुरस्कृत किया गया था। जसविंदर के परिवार में उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर (35), बेटी हरनूर कौर (11) और बेटे विक्रमजीत सिंह (13) हैं। इस बीच पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने सैनिकों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवार से संवेदना जताई। राज्य सरकार ने सोमवार को तीनों सैनिकों के परिजन को 50- 50 लाख रुपये और एक- एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।