विचाराधीन कैदियों को जेल में समर्पण करने के उच्च न्यायालय के निर्देश पर लगी रोक 21 जनवरी तक बढ़ी

By भाषा | Updated: December 7, 2020 19:50 IST2020-12-07T19:50:50+5:302020-12-07T19:50:50+5:30

Prohibition on High Court directive to surrender prisoners in jail extended till January 21 | विचाराधीन कैदियों को जेल में समर्पण करने के उच्च न्यायालय के निर्देश पर लगी रोक 21 जनवरी तक बढ़ी

विचाराधीन कैदियों को जेल में समर्पण करने के उच्च न्यायालय के निर्देश पर लगी रोक 21 जनवरी तक बढ़ी

नयी दिल्ली, सात दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुये विचाराधीन कैदियों को जेल में समर्पण करने के उच्च न्यायालय के निर्देश पर लगाई गयी रोक की अवधि सोमवार को अगले साल 21 जनवरी तक बढ़ा दी।

शीर्ष अदालत ने 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय ने इस आदेश में उन कैदियों को दो से 13 नवंबर के दौरान चरणबद्ध तरीके से समर्पण करने का निर्देश दिया था जिनकी महामारी की वजह से जमानत की अवधि बढ़ाई गयी थी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष यह मामला सोमवार को सुनवाई के लिये आया। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस न्यायालय द्वारा 29 अक्टूबर, 2020 को पारित अंतरिम आदेश की अवधि सुनवाई की अगली तारीख 21 जनवरी तक बढ़ाई जाती है।’’

शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के 20 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ ‘नेशनल फोरम फॉर प्रिजन रिफार्म्स’ की अपील पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने इस अपील पर दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी किये थे।

इस संगठन का कहना है कि उच्च न्यायालय का यह आदेश उसके 23 मार्च, 2020 के आदेश की भावना के खिलाफ है जिसमें शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त अपनी ही उच्चाधिकार प्राप्त समिति की आठ सिफारिशों का अवलोकन किये बगैर ही उसे दरकिनार कर दिया है।

अपील में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने उसके समक्ष प्रस्तुत आंकड़ों को पूरी तरह गलत समझा और इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि 16,000 कैदियों में सिर्फ तीन ही कोरोना वायरस संक्रमित मामले हैं।

अपील में यह भी कहा गया कि ‘जघन्य अपराध’ करने के आरोपों में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई के बारे में उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सावधानीपूर्वक विचार करके कारण भी बताये थे लेकिन इन पर गौर ही नहीं किया गया।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने 24 अगस्त को अपने सभी अंतरिम आदेश 31 अक्टूबर तक के लिये बढ़ा दिये थे।

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Web Title: Prohibition on High Court directive to surrender prisoners in jail extended till January 21

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