कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कल का बंद वापस लिया

By भाषा | Updated: December 30, 2021 21:48 IST2021-12-30T21:48:57+5:302021-12-30T21:48:57+5:30

Pro-Kannada organizations withdraw yesterday's bandh | कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कल का बंद वापस लिया

कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कल का बंद वापस लिया

बेंगलुरु, 30 दिसंबर कन्नड़ समर्थक संगठनों के बीच फूट और समर्थन की कमी को ध्यान में रखते हुए कन्नड़ संगठनों ने 31 दिसंबर को कर्नाटक में आहूत राज्यव्यापी बंद को वापस लेने की घोषणा बृहस्पतिवार देर शाम की।

संगठनों ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया था। समिति कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्र बेलगावी का महाराष्ट्र में विलय की मांग कर रही है।

कन्नड़ ओक्कुता के नेता वटल नागराज के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों ने आज शाम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से भेंट की जिसके बाद बंद वापस लेने की घोषणा की गई।

हालांकि, संगठन महाराष्ट्र एकीकरण समिति की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर शुक्रवार को शहर के टाउन हॉल में सुबह 10:30 बजे प्रदर्शन रैली का आयोजन करेगा। ऐसा ही एक प्रदर्शन आज कर्नाटक रक्षणा वेदिके द्वारा भी किया गया।

मुख्यमंत्री से भेंट के बाद नागराज ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और कन्नड़ समर्थक विभिन्न नेताओं के अनुरोध पर मैंने पीछे हटने का फैसला लिया है। कल बंद नहीं होगा, हमने बंद वापस ले लिया है, लेकिन हम प्रदर्शन करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार कानून के दायरे में रहते हुए महाराष्ट्र एकीकरण समिति पर प्रतिबंध लगाने का हरसंभव प्रयास करेगी और बंद वापस लेने का अनुरोध किया। आज दिन में कई संगठनों के नेताओं ने मुझपर बंद को टालने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे नये साल के दौरान लोगों को दिक्कत हो सकती है।’’

मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि उन्होंने नागराज और अन्य के साथ सभी मुद्दों पर चर्चा की और कन्नड़, कन्नड़ भाषियों और कनार्टक के हित के संबंध में सभी के विचार समान हैं। उन्होंने बंद वापस लेने के लिए संगठनों को धन्यवाद दिया।

महाराष्ट्र एकीकरण समिति पर प्रतिबंध लगाने की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, ‘‘उन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई, मैं पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुका हूं कि सरकार उसपर कानूनी रूप में विचार कर रही है। मैंने उन्हें भी यह बात बतायी।’’

हालांकि, कन्नड़ ओक्कुता के एक अन्य नेता सा रा गोविंदु ने स्पष्ट किया कि सिर्फ कल होने वाले बंद को वापस लिया गया है और महाराष्ट्र एकीकरण समिति पर प्रतिबंध की मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक बुलाएंगे।

एक अन्य नेता ने इशारा किया कि मांगें पूरी नहीं होने पर वे 22 जनवरी को बंद आहूत कर सकते हैं।

गौरतलब है कि कन्नड़ ओक्कुता के नेता वटल नागराज के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों ने पिछले सप्ताह 31 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था। वे ‘कर्नाटक विरोधी और कन्नड़ विरोधी गतिविधियों’ के लिए राज्य में महाराष्ट्र एकीकरण समिति की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कन्नड झंडा जलाए जाने और ऐतिहासिक हस्ती सांगोली रायन्ना की बेलगावी में लगी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटनाओं के बीच उक्त मांग उठ रही है। आरोप है कि दोनों घटनाओं के पीछे महाराष्ट्र एकीकरण समिति का हाथ है।

मराठी संगठन महाराष्ट्र एकीकरण समिति लंबे समय से कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्र बेलगावी के राज्य में विलय की मांग कर रही है।

हालांकि, विभिन्न संगठनों जैसे कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी), कर्नाटक रक्षणा वेदिके (केआरवी), बृहत बेंगलोर होटल एसोसिएशन, ऑटो स्कूल और कॉलेज एसोसिएशन, शॉपिंग मॉल एसोसिएशन और अन्य कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने बंद को सिर्फ नैतिक समर्थन किया है और कहा है कि वे बंद में हिस्सा नहीं लेंगे और सामान्य रूप से अपना कामकाज जारी रखेंगे।

व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने नये साल पर अच्छा कारोबार होने को, बंद का समर्थन नहीं करने का कारण बताया है।

फिलहाल स्थिति यह है कि वटाल नागराज द्वारा आहूत बंद का समर्थन कर रहे कर्नाटक रक्षणा वेदिके के प्रवीण शेट्टी धड़े सहित अन्य ने भी अपना रुख बदल लिया है और बंद वापस लेने की मांग की।

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Web Title: Pro-Kannada organizations withdraw yesterday's bandh

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