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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का चेहरा बदलने में जुटी हैं प्रियंका गांधी, 2022 के मिशन को लेकर बनाया नया प्लान

By शीलेष शर्मा | Updated: October 16, 2019 05:52 IST

रायबरेली से विधायक आदिति सिंह भी भाजपा में जाने की तैयारी में है, चूंकि उनका रिश्ता रायबरेली से है इसलिए सोनिया का संसदीय क्षेत्र होने के कारण कांग्रेस फिलहाल उनके विरुद्ध कोई कड़ा कदम उठाने से हिचकिचा रही हैं.

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ठळक मुद्देकांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश 2022 का मिशन सामने रखकर प्रदेश में पार्टी संगठन को नये सिरे से खड़ा करने के लिए कड़ी कवायत शुरू कर दी है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रियंका ने जो रणनीति बनाई है उसके तहत वे उन वरिष्ठ नेताओं को जो पार्टी के लिए अब गैर उपयोगी साबित होते जा रहे हैं को हाशिये पर खड़ा कर दिया है.

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश 2022 का मिशन सामने रखकर प्रदेश में पार्टी संगठन को नये सिरे से खड़ा करने के लिए कड़ी कवायत शुरू कर दी है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रियंका ने जो रणनीति बनाई है उसके तहत वे उन वरिष्ठ नेताओं को जो पार्टी के लिए अब गैर उपयोगी साबित होते जा रहे हैं को हाशिये पर खड़ा कर दिया है. नतीजा वे खुद-ब-खुद पार्टी से किनारा करने के लिए रास्ता खोज रहे हैं.

इसका ताजा उदाहरण पूर्व सांसद रत्ना सिंह का है जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने के लिए बेताब हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा तो कर दी लेकिन अभी तक वे औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल नहीं हुर्इं हैं. 

रायबरेली से विधायक आदिति सिंह भी भाजपा में जाने की तैयारी में है, चूंकि उनका रिश्ता रायबरेली से है इसलिए सोनिया का संसदीय क्षेत्र होने के कारण कांग्रेस फिलहाल उनके विरुद्ध कोई कड़ा कदम उठाने से हिचकिचा रही हैं.

प्रियंका ने पहले राजबब्बर को हटाकर अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया और उत्तर प्रदेश को कई भागों में विभाजित कर उनके लिए अलग से कॉर्डिनेटर नियुक्त कर दिया ताकि संगठन का काम बेहतर ढंग से चल सके. 

पार्टी की रणनीति बनाने के लिए एक अलग समिति बनाई गई और अब जिलों की बारी है. प्रियंका हर जिले में नये अध्यक्षों की नियुक्ति कर रही है आज उन्होंने प्रदेश के 22 जिलों में नये अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. दिलचस्प पहलू तो यह है कि जो नये जिला अध्यक्ष नियुक्त किए गए है उनमें अधिकांश नये चेहरे है तथा पुराने चेहरों को हाशिये पर खड़ा कर दिया है.

पार्टी सूत्रों का दावा था कि प्रियंका 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपने दम पर मैदान में उतारना चाहती है तथा वर्षो से प्रदेश में सत्ता से दूर कांग्रेस को फिर से सत्ता वापसी में लाने की कोशिश में जुटी है जिसके कारण वे अन्य किसी राज्य पर कोई ध्यान नहीं दे पा रहीं हैं. 

टॅग्स :कांग्रेसप्रियंका गांधीउत्तर प्रदेशभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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