यूपी पुलिस पर आरोप लगाकर सवालों में घिरीं प्रियंका गांधी, CRPF ने कहा-सुरक्षा में नहीं हुई कोई चूक
By स्वाति सिंह | Updated: December 30, 2019 14:37 IST2019-12-30T14:37:19+5:302019-12-30T14:37:19+5:30
प्रियंका गांधी 28 दिसंबर को लखनऊ में थीं। यहां उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व आईपीएस अफसर के घर जाते वक्त उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस ने उनका गला दबाकर उन्हें गिराया। हालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को बिल्कुल गलत करार दिया है।

सीआरपीएफ ने कहा कि सुरक्षा अवरोध के बावजूद उसने कांग्रेस नेता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई।
उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद ही सवालों में उलझ गई हैं। सोमवार को प्रियंका गांधी की सुरक्षा संभल रही सीआरपीएफ ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के लखनऊ के हालिया दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं हुई। साथ ही बल ने प्रियंका गांधी पर स्कूटर पर पीछे बैठकर यात्रा कर, सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
प्रियंका गांधी को मिली ‘जेड प्लस’ सुरक्षा घेरे के तहत उन्हें सशस्त्र कमांडो मुहैया कराने वाले बल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस नेता ने बिना पूर्व सूचना दिए यात्रा की इसलिए सुरक्षा के इंतजाम पहले से नहीं किए जा सके। बयान में कहा गया है, ‘‘यात्रा के दौरान उन्होंने बिना निजी सुरक्षा अधिकारी के, उस असैन्य वाहन का इस्तेमाल किया जो बुलेट रोधी नहीं था।'
इस बयान के अनुसार, प्रियंका ने स्कूटी पर लिफ्ट ली, वह स्कूटी पर पीछे बैठ कर चली गईं। सीआरपीएफ ने कहा कि सुरक्षा अवरोध के बावजूद उसने कांग्रेस नेता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई। उसने कहा, ‘‘सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सुरक्षा में ऐसी चूक की जानकारी दे दी गई है और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त सुनिश्चित करने की सलाह भी दी गई है।’’
प्रियंका गांधी ने पुलिस पर लगाया गला दबाकर गिराने का आरोप
बता दें कि प्रियंका गांधी 28 दिसंबर को लखनऊ में थीं। यहां उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व आईपीएस अफसर के घर जाते वक्त उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस ने उनका गला दबाकर उन्हें गिराया। हालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को बिल्कुल गलत करार दिया है।
प्रियंका ने कहा कि वह सीएए के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस।आर। दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये पार्टी के राज्य मुख्यालय से निकली थीं। रास्ते में लोहिया चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी। मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के दो पहिया वाहन से निकली। उसे भी गिरा दिया गया।'' कांग्रेस महासचिव ने अपने फेसबुक पेज पर भी यही बात लिखते हुए कहा, ‘‘मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी यह भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।''
पुलिस ने प्रियंका के आरोपों से किया इनकार
हालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को गलत बताया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को दी गई सूचना में कहा है कि प्रियंका के कार्यक्रम में उनकी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी। प्रियंका गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए रवाना हुई थी, मगर उनकी गाड़ी निर्धारित मार्ग से ना जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। इस पर उनसे पूछा गया कि वह कहां जाना चाहती हैं। अर्चना ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के गंतव्य के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। उसके बाद प्रियंका गाड़ी से उतरकर कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगीं। गला पकड़ना और गिराना आदि जैसी कुछ भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं, जो बिल्कुल झूठ हैं।
प्रियंका ने कहा, ‘‘दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अफसर हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिये फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी पत्नी बहुत बीमार हैं। यह सब किसलिये? क्योंकि आपकी नीति उन्हें पसंद नहीं है?’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह ने बताया कि पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने लोहिया चौराहे पर प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं। करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी पर बैठीं। आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं।
इस हाई वोल्टेज ड्रामे के दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं। बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं। इस दौरान उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया।
दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा ''मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें। मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।'' इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा ''सबकी राजनीति को खतरा है।''