नई दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान हंगामे को लेकर पूरे शीतकालीन सत्र से 11 अन्य सांसदों के साथ राज्यसभा से निलंबित होने वाली शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद टीवी के कार्यक्रम मेरी कहानी के एंकर पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि बहुत दुख के साथ मैं संसद टीवी के शो मेरी कहानी के एंकर का पद छोड़ रही हूं। जब संविधान की मेरी प्राथमिक शपथ से मुझे वंचित किया जा रहा है तो मैं संसद टीवी पर बने रहने के लिए तैयार नहीं हूं।
ट्विटर पर साझा किए गए अपने पत्र में चतुर्वेदी ने कहा कि यह निलंबन मेरे संसदीय ट्रैक रिकॉर्ड और कर्तव्य की पुकार से परे मेरे योगदान की अवहेलना करने के लिए चुना गया ताकि महिला सांसदों को अपनी यात्रा साझा करने के लिए एक मंच दिया जा सके। मेरा मानना है कि अन्याय किया गया है, लेकिन जैसा कि सभापति ने इसे वैध माना है तो मुझे इसका सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा मानना है कि यह मेरा कर्तव्य बनता है कि जब आज राज्यसभा के इतिहास में सबसे ज्यादा महिला सांसदों को इस देश के लोगों हेतु बोलने के लिए पूरे सत्र से निलंबित कर दिया गया है, तब मुझे उनके लिए बोलने और एकजुटता से खड़े होने की जरूरत है. यह भी कभी नहीं भूलना चाहिए कि पिछले सत्र के बलबूते पर 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाना संसद के इतिहास में कभी नहीं हुआ है।
प्रियंका के इस फैसले के पक्ष में विपक्ष के कई सांसद उनके साथ खड़े नजर आए। विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा है और इस वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है।
केरल से कांग्रेस सांसद ने हिबी इडेन ने कहा कि मैं राज्यसभा सहयोगी प्रियंका चतुर्वेदी के साथ एकजुटता व्यक्त करता हूं। असंसदीय प्रथाओं को माफ नहीं किया जा सकता है और हमें लोकतंत्र पर इस हमले का विरोध करने की जरूरत है।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी इसकी तारीफ करते हुए कहा कि अब विपक्ष के केवल एक सांसद संसद टीवी के होस्ट के रूप में बचे हैं और मुझे उम्मीद है कि वह भी संसद का मजाक उड़ाने वाली सरकार को झटका देंगे।
बता दें कि, प्रियंका चतुर्वेदी के अलावा कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद टीवी के एक कार्यक्रम के होस्ट के रूप में चुने गए हैं.