मायावती और अखिलेश के ठुकराने के बाद अकेले पड़ते राहुल को प्रियंका गांधी का सहारा, कांग्रेस 2009 दोहरा सकती है?

By विकास कुमार | Updated: January 23, 2019 15:09 IST2019-01-23T15:09:00+5:302019-01-23T15:09:00+5:30

कांग्रेस को जरूरत थी एक ऐसे मास्टरस्ट्रोक की जो उनके कार्यकर्ताओं को ये एहसास दिलाये कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और बीजेपी के विकल्प के रूप में उसका कोई विकल्प मौजूद नहीं है.

Priyanak Gandhi will support Rahul Gandhi in UP after SP-BSP-RLD mahagathbandhan | मायावती और अखिलेश के ठुकराने के बाद अकेले पड़ते राहुल को प्रियंका गांधी का सहारा, कांग्रेस 2009 दोहरा सकती है?

मायावती और अखिलेश के ठुकराने के बाद अकेले पड़ते राहुल को प्रियंका गांधी का सहारा, कांग्रेस 2009 दोहरा सकती है?

प्रियंका गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. और इसके साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी. उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश के महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने के कारण राहुल गांधी अकेले पड़ गए थे और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी हताश और उदास नजर आ रहे थे. भले ही जीत को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हो लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को यह अंदाजा लग गया था कि अब प्रदेश में उन्हें कोई चुनावी मास्टरस्ट्रोक ही बचा सकता है. क्योंकि पिछले दो दशक से पार्टी प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर है. 

सपा-बसपा-रालोद को पड़ेगा भारी 

सपा-बसपा-रालोद के साथ आने से प्रदेश में बीजेपी विरोध की राजनीति को इस गठबंधन से कैप्चर कर लिया था और अचानक से कांग्रेस प्रदेश की राजनीति में विलुप्त होती हुई नजर आ रही थी, लेकिन ऐसे में कांग्रेस को जरूरत थी एक ऐसे मास्टरस्ट्रोक की जो उनके कार्यकर्ताओं को ये एहसास दिलाये कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और बीजेपी के विकल्प के रूप में उसका कोई विकल्प मौजूद नहीं है. 

अकेले पड़ते भाई को बहन का सहारा 

यूपी में ऐसी ख़बरें आई थी कि मायावती और अखिलेश ने कांग्रेस को मात्र 10 सीटें देने का ऑफर किया था लेकिन कांग्रेस ने उसे विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया. कांग्रेस को ये पूरा भरोसा है कि पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में 2009 का कारनामा दोहराने वाली है और इसके कारण उसने सभी लोकसभा सीटों पर लड़ने का फैसला किया. लेकिन मौजूदा वक्त में पार्टी के पास जमीन पर काम करने वाले मेहनती कार्यकर्ताओं का अभाव है.

प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी का प्रभार दिए जाने के बाद कार्यकर्ताओं में एक नया जोश देखने को मिल सकता है और प्रियंका का नेतृत्व पार्टी में एक नई जान फूंक सकता है. क्योंकि पिछले कुछ समय से प्रियंका गांधी को पार्टी में बड़ा पद दिए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही थी. कांग्रेस भी उचित समय का इंतजार कर रही थी. इस समय सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है और राहुल भी यूपी में अकेले पड़ते दिखाई दे रहे थे, ऐसे में प्रियंका गांधी की संभावनाएं प्रबल हो गईं थी. 

क्या प्रियंका लड़ेंगी रायबरेली से चुनाव 

अतीत में भी ऐसे कई कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि अगर प्रियंका गांधी पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करें तो पार्टी की स्थिति प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुधर सकती है. कांग्रेस के नेता प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं जिनकी राजनीतिक समझ पर पार्टी और संगठन दोनों को भरोसा है. ऐसे में उनकी सक्रिय राजनीति में आने से पार्टी को उत्तर प्रदेश में जबरदस्त फायदा हो सकता है. पार्टी में आने से कार्यकर्ताओं के उत्साह में जबरदस्त इजाफा हो सकता है. 

Web Title: Priyanak Gandhi will support Rahul Gandhi in UP after SP-BSP-RLD mahagathbandhan

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