निजी क्षेत्र के लोग भी ‘भारत गौरव’ सेवा के तहत थीम आधारित ट्रेनें चला सकते हैं

By भाषा | Updated: November 23, 2021 20:53 IST2021-11-23T20:53:33+5:302021-11-23T20:53:33+5:30

Private sector people can also run theme based trains under 'Bharat Gaurav' service | निजी क्षेत्र के लोग भी ‘भारत गौरव’ सेवा के तहत थीम आधारित ट्रेनें चला सकते हैं

निजी क्षेत्र के लोग भी ‘भारत गौरव’ सेवा के तहत थीम आधारित ट्रेनें चला सकते हैं

नयी दिल्ली, 23 नवंबर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा मंगलवार को शुरू की गई नई सेवा ‘भारत गौरव’ के तहत निजी कंपनियां अब किराए और सुविधाओं को तय करने की आजादी के साथ रेलवे से लीज पर लेकर थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेन चला सकती हैं।

रेलवे ने इन थीम-आधारित सर्किटों के लिए लगभग 190 ट्रेन का आवंटन किया है, जिन्हें माल और यात्री खंडों के बाद रेलवे द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में तीसरे अनुभाग के रूप में वर्णित किया गया है।

रेल मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन ट्रेन का संचालन निजी क्षेत्र और आईआरसीटीसी, दोनों ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये नियमित ट्रेन नहीं हैं जो समय-सारणी के हिसाब से चलें। हमने इन थीम-आधारित ट्रेन के लिए 3,033 रेल डिब्बों या 190 ट्रेन को चिह्नित किया है। यात्री और मालगाड़ी अनुभाग के बाद हम भारत गौरव रेलों के लिए पर्यटन अनुभाग शुरू कर रहे हैं। ये ट्रेन भारत की संस्कृति और धरोहर को दर्शाएंगी। हमने आज से उनके लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक, भारत गौरव योजना के लिए आईसीएफ कोच निर्धारित किए गए हैं। लेकिन भविष्य में वंदे भारत, विस्टा डोम और एलएचबी कोच भी मांग के आधार पर शामिल किए जा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि कोई भी, व्यक्ति से लेकर समाज, ट्रस्ट, टूर ऑपरेटर और यहां तक कि राज्य सरकारें भी इन ट्रेन के लिए आवेदन कर सकती है और उन्हें एक थीम के आधार पर विशेष पर्यटन सर्किट पर चलाएं।

मंत्री ने कहा कि ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसी राज्य सरकारों ने इन ट्रेन में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य ताकत का उपयोग पर्यटन सर्किट को विकसित करने और पहचानने और भारत की विशाल पर्यटन क्षमता का इस्तेमाल करने के वास्ते थीम-आधारित ट्रेन को चलाने के लिए किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह विचार रखा और थीम पर आधारित रेलों का सुझाव दिया ताकि देश की जनता भारत की धरोहर को समझ सके और उसे आगे बढ़ा सके।

वैष्णव के अनुसार इन ट्रेन का किराया व्यावहारिक रूप से टूर संचालक तय करेंगे लेकिन रेलवे सुनिश्चित करेगा कि भाड़े में विसंगतियां नहीं हों। उन्होंने कहा कि ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों की सरकारों ने इन ट्रेन में रुचि दिखाई है।

रेलवे द्वारा जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, इन ट्रेन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया एक लाख रुपये के शुल्क के साथ एक-चरण पारदर्शी ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से होगी।

सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन उपलब्धता के अधीन होगा और प्राथमिकता रेक सुरक्षा जमा समय और तारीख पर आधारित होगी। प्रति रेक की एक करोड़ रुपये की जमानत राशि होगी और उपयोग का अधिकार दो से दस साल के बीच होगा।

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Web Title: Private sector people can also run theme based trains under 'Bharat Gaurav' service

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