लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हमेशा की तरह से इस बार भी राजनीतिक पार्टियों ने निजी विमान और हेलिकॉप्टर बुक किए हैं। लेकिन इस बार इस रेस में बीजेपी सबसे आगे नजर आ रही है। सत्ताधारी पार्टी ने प्रचार के लिए 50 प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर बुक कराए हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के चुनाव प्रचार को प्रभावित करने के लिए देश के प्राइवेट हेलिकॉप्टर को तीन माह पहले ही बुक करवा लिया था। रिपोर्ट के अनुसार भारत में इतने प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर नहीं हैं कि चुनाव के दौरान मांग को पूरा किया जा सके। ऐसे में बीजेपी पहले ही चुनाव प्रचार के मद्देनजर 20 प्राइवेट जेट और 30 हेलिकॉप्टर बुक कर चुकी है, जबकि कांग्रेस केवल 10 ही बुक करा सकी।
बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के सलाहकार और मार्टिन कंसल्टिंग के फाउंडर मार्क मार्टिन के अनुसार हमेशा की विपक्ष के अभियान को नायामयाब करने की कोशिश की जाती है। लेकिन इससे पहले एयरक्राफ्ट्स को लेकर इस तरह की होड़ कभी नहीं देखी गई जब दूसरी पार्टी की चुनावी क्षेत्रों में पहुंच को प्रभावित करने के लिए एक पार्टी ने ज्यादा एयरक्राफ्ट बुक करा लिए।
एयरक्राफ्ट औसतन 45 दिन के लिए बुक किए जाते हैं। किराया डेढ़ से दो लाख रुपए प्रति घंटा होता है। वहीं, ऑपरेटरों से एयरक्राफ्ट बुक करते हैं और राजनीतिक पार्टियों को उपलब्ध कराते हैं। इससे गोपनीयता बरती जाती है।
भाजपा से 22 सालों से जुड़े कार्यकर्ता गुलाब सिंह पंवार ने सत्ताधारी पार्टी के लिए पांच एयरक्राफ्ट बुक करवाए हैं। उन्होंने पार्टी को मिले अनुचित लाभ के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में है, इसलिए हमारी जरूरतें ज्यादा हैं।
यह पहली बार नहीं है, जब भारत में राजनीतिक ट्रांसपोर्ट मुद्दा बना हो। इससे पहले कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2014 के प्रचार अभियान के लिए फंड देने वालों का नाम न उजागर करने को लेकर निशाना साध चुकी है। कांग्रेस ने मोदी पर प्रचार के दौरान उद्योगपति गौतम अडानी का हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था।