भारत की प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का, किसानों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाएं: राहुल

By भाषा | Updated: February 3, 2021 21:36 IST2021-02-03T21:36:08+5:302021-02-03T21:36:08+5:30

Prime Minister should play his responsibility to protect farmers, big blow to India's reputation: Rahul | भारत की प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का, किसानों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाएं: राहुल

भारत की प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का, किसानों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाएं: राहुल

नयी दिल्ली, तीन फरवरी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार को केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला और आरोप लगाया कि भारत की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है और भाजपा एवं आरएसएस ने देश की ‘सॉफ्ट पावर’ (साख) को ध्वस्त कर दिया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की रक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए क्योंकि इसीलिए उन्हें चुना गया है।

उन्होंने तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए यह सवाल किया कि सरकार दिल्ली में किलेबंदी क्यों कर रही है?

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहला सवाल यह है कि सरकार किलेबंदी क्यों कर रही है? क्या ये किसानों से डरते हैं? क्या किसान दुश्मन हैं? किसान देश की ताकत है। इनको मारना, धमकाना सरकार का काम नहीं है। सरकार का काम बातचीत करना और समस्या का समाधान निकालना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसान पीछे नहीं हटेंगे। अंत में सरकार को पीछे हटना पड़ेगा। इसी में सबका भला है कि सरकार आज ही पीछे हट जाए।’’

यह पूछे जाने पर कि दिल्ली की सीमाओं पर अवरोधक लगाने और प्रदर्शनकारी किसानों के साथ व्यवहार से जुड़े कदमों के कारण क्या भारत की छवि पर असर पड़ा है तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ निश्चित तौर पर भारत की प्रतिष्ठा को बड़ा धक्का लगा है। सिर्फ किसानों के साथ व्यवहार की बात नहीं है, बल्कि यह भी है कि हम अपने लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, पत्रकारों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप कह सकते हैं कि हमारी सबसे बड़ी ताकत ‘सॉफ्ट पावर’ होने की है। इसे भाजपा-आरएसएस और उनकी सोच ने ध्वस्त कर दिया है।’’

पॉप गायिका रिहाना और कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किए जाने के बारे में पूछने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने टिप्पणी से इनकार कर दिया। उन्होंने हालांकि कहा, ‘‘यह आंतरिक मामला है। किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और यह होना चाहिए।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ देश में नेतृत्व की कमी है। इस देश में अब कोई नेतृत्व नहीं है। सिर्फ बातें हो रही हैं, कोई समझ नहीं है, कोई रणनीति नहीं है..मेरा यकीन करिए एक दिन यह ‘माया’ टूटेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपका काम किसानों की रक्षा करना है। आप अपना यह काम करिए। आपको इसीलिए चुना गया है।’’

राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट को ‘एक फीसदी लोगों का बजट’ करार दिया और सवाल किया कि रक्षा खर्च में भारी-भरकम बढ़ोतरी नहीं करके देश का कौन सा भला किया गया और ऐसा करना कौन सी देशभक्ति है?

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चीन को स्पष्ट संदेश देना होगा।

कांग्रेस नेता ने बजट को लेकर कहा, ‘‘ उम्मीद थी कि सरकार देश के 99 फीसदी लोगों को सहयोग देगी। लेकिन यह बजट सिर्फ एक फीसदी आबादी का बजट है। हमारे किसानों, मजदूरों, मध्यम वर्ग, छोटे कारोबारियों और सशस्त्र बलों से पैसा छीनकर कुछ उद्योगपतियों की जेब में डाल दिया गया।’’

राहुल गांधी के मुताबिक यदि अर्थव्यवस्था को गति देना है तो खपत बढ़ानी होगी। आपूर्ति पर जोर देने से यह नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने ‘न्याय’ योजना जैसा कदम उठाया होता तो अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकती थी।

बजट में रक्षा खर्च में भारी-भरकम बढ़ोतरी नहीं होने का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘चीन भारत के अंदर है और हजारों किलोमीटर भूमि पर कब्जा किए हुए है। ऐसे में आप बजट में चीन को संदेश दे रहे हैं कि आप अंदर आ सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हम अपनी सेना को सहयोग नहीं देंगे। हमारे जवानों को यह लग रहा होगा कि हमारे सामने इतनी बड़ी कठिनाई है, लेकिन सरकार पैसे नहीं दे रही है और हमारा पैसा कुछ लोगों को दे रही है। इससे देश को फायदा नहीं होने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जवानों की प्रतिबद्धता 100 फीसदी है और ऐसे में सरकार की प्रतिबद्धता भी 110 फीसदी होनी चाहिए। जो भी हमारे जवानों को चाहिए, वो उन्हें मिलना चाहिए। ये कौन सी देशभक्ति है कि सेना को पैसे नहीं दिए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसमें पेंशन के भुगतान का परिव्यय भी शामिल है। पिछले साल यह राशि 4.71 लाख करोड़ रुपये थी।

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