वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा दिया। जिसका ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दिया था।
वित्त मंत्री की घोषनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कारोबारियों, विशेष रूप से एमएसएमई द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दों के समाधान में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाएं काफी मददगार होंगी।" उन्होंने कहा, "बुधवार को घोषणा किए जाने वाले कदम नकदी की उपलब्धता बढ़ाएंगे, उद्यमियों को सशक्त करेंगे और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाएंगे।"
एमएसएमई के लिए की ये घोषनाएं
वित्त मंत्री ने सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमई) के बिना गारंटी के स्वचालित तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का ऐलान किया, जिसका लाभ 45 लाख एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा। एमएसएमई को दिए जाने पर कर्ज को लौटाने के लिए एक साल की मोहलत दी जाएगी। दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे। वृद्धि क्षमता रखने वाली लघु और मझोली इकाइयों में एमएसएमई में एमएसएमई फंड ऑफ फंड के जरिए 50,000 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी डाली जाएगी।
15 हजार से कम सैलरी वालों का पीएफ देगी सरकार
निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि 15 हजार से कम सैलरी वालों का ईपीएफ अगले तीन महीने के लिए सरकार जमा करेगी। पहले तीन महीनों के लिए किया गया था, जिसे बढ़ाकर अगले तीन महीने जून, जुलाई और अगस्त तक कर दिया गया है। इसका फायदा 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।
बता दें कि मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन महीने के लिए ईपीएफ भुगतान करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था, "ईपीएफ की 24 प्रतिशत (12 प्रतिशत कर्मचारी और 12 प्रतिशत नियोक्ता) रकम अगले 3 महीने तक सरकार देगी। ये उन कंपनियों के लिए लागू होगा, जिनके कर्मचारियों की संख्या 100 तक है और जिसमें 90 प्रतिशत कर्मचारियों की औसत आमदनी 15000 प्रतिमाह है।
टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए उठाया कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्मचारियों को टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए अगले तीन महीने तक पीएफ को 12 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, "जिन कर्मचारियों का 24 प्रतिशत ईपीएफ अंशदान सरकार नहीं भर रही है, यानी जिनकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है, उनके मामले में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए पीएफ में योगदान का प्रतिशत घटाकर 12 से 10 प्रतिशत किया गया है। इससे नियोक्ताओं के पास 6,750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।" उन्होंने कहा कि जो हमारे सरकारी संस्थान, PSU's और PSE's हैं उनमें पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन 12 प्रतिशत ही रहेगा।