प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 5 वर्ष पूरे, हर साल देश भर के 5.5 करोड़ किसान इस योजना के लाभ के लिए करते हैं आवेदन
By अनुराग आनंद | Updated: January 13, 2021 07:39 IST2021-01-13T07:35:27+5:302021-01-13T07:39:59+5:30
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का दावा है कि कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को पीएम फसल योजना का लाभ हुआ और इस दौरान 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को हस्तांतरित किए गए।

किसान फसल बीमा योजना के पांच साल पूरे (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को सबसे कम प्रीमियम पर एक व्यापक फसल जोखिम बीमा समाधान प्रदान करने के लिए शुरूकी गयी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का भरपूर लाभ उठाने को कहा है ताकि वे आत्मनिर्भर किसान हो सकें।
यह योजना अब पांच साल की हो गयी है। सरकार की एक उल्लेखनीय पहल के रूप में इस योजना को 13 जनवरी 2016 को लागू किया गया था। इसमें किसान के हिस्से के अतिरिक्त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है।
पूर्वोत्तर राज्यों में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता भारत सरकार देती है-
पूर्वोत्तर राज्यों में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता भारत सरकार देती है। सरकार ने किसानों से आग्रह किया कि वे संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना का लाभ उठाएं और एक आत्मनिर्भर किसान तैयार करने का समर्थन करें।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार पीएमएफबीवाई के तहत औसत बीमित राशि बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दी गई है जो पीएमएफबीवाई से पूर्व की योजनाओं के दौरान प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी। योजना में बुवाई से पूर्व चक्र से लेकर कटाई के बाद तक फसल के पूरे चक्र को शामिल किया गया है, जिसमें रोकी गई बुवाई और फसल के बीच में प्रतिकूल परिस्थितियों से होने वाला नुकसान भी शामिल है।
स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वालेव्यक्तिगत खेती के स्तर पर नुकसान को किया गया है शामिल
बाढ़, बादल फटने और प्राकृतिक आग जैसे खतरों के कारण होने वाली स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद होने वालेव्यक्तिगत खेती के स्तर पर नुकसान को शामिल किया गया है। लगातार सुधार लाने के प्रयास के रूप में, इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था, फरवरी 2020 में इसमें सुधार किया गया।
राज्यों को बीमा राशि को तर्कसंगत बनाने के लिए लचीलापन भी प्रदान किया गया है ताकि किसानों द्वारा पर्याप्त लाभ उठाया जा सके। सरकार अब चाहती है कि देशभर के अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़कर इसका लाभ उठाएं।
इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं-
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं। अब तक, योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है। आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है।
सरकार के अनुसार कोरोना वायरस लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को लाभ हुआ और इस दौरान 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को हस्तांतरित किए गए।
(एजेंसी इनपुट)