चंद्रयान2 : राष्ट्रपति ने बढ़ाया वैज्ञानिकों का हौसला, कहा-पूरा है विश्वास कि हम होंगे कामयाब एक दिन

By भाषा | Updated: September 7, 2019 16:48 IST2019-09-07T16:48:50+5:302019-09-07T16:48:50+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कि स्वामी विवेकानंद ऐसी शिक्षा चाहते थे ‘जिससे चरित्र बने, मानसिक तेज बढ़े, बुद्धि का विकास हो और जिससे मनुष्‍य अपने पैरों पर खड़ा हो सके’। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे युवाओं में असीम प्रतिभा और ऊर्जा है। इस प्रतिभा और ऊर्जा का समुचित विकास और उपयोग किए जाने की जरूरत है।

president Ram Nath kovind isro Chandrayaan 2 we will be successful one day | चंद्रयान2 : राष्ट्रपति ने बढ़ाया वैज्ञानिकों का हौसला, कहा-पूरा है विश्वास कि हम होंगे कामयाब एक दिन

फाइल फोटो

Highlightsकोविंद ने कहा कि चंद्रयान 2 को 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था।उन्होंने कहा, ‘‘हमने 3.84 लाख करोड़ किलोमीटर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की।जो दूरी शेष रह गई थी, वह नगण्य थी। यह बड़ी उपलब्ध रही।

चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ के चांद की सतह को छूने से चंद मिनटों पहले जमीनी स्टेशन से उसका संपर्क टूटने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि ‘‘हम होंगे कामयाब, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास कि हम होंगे कामयाब एक दिन’’। पावन चिन्‍तन धारा चैरिटेबल ट्रस्‍ट के राष्‍ट्रीय युवा महोत्‍सव में अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जिस प्रकार से स्वामी विवेकानंद के विचार दुनिया भर के युवाओं को प्रेरित करते रहे हैं, उसी प्रकार से इसरो के अध्यक्ष के सिवन और उनकी टीम आने वाले समय में भारत में युवाओं का रोल मॉडल बनेगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है कि चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण पहले 15 जुलाई को निर्धारित किया गया था। मैं श्रीहरिकोटा में था। मैंने वृहद बाहुबली को काफी करीब से देखा। उसके बाद मैं उस स्थल तक गया।’’ कोविंद ने कहा, ‘‘मुझे जो सबसे अधिक अच्छा लगा, वह यह था कि इंजीनियरिंग टीम में पुरूषों के साथ काफी महिलाएं भी थी।’’ वैज्ञानिकों के कार्यो की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार से एक महिला वैज्ञानिक ने उन्हें बताया कि वह अपने छह महीने के बच्चे को बेंगलुरू में अपने माता-पिता के पास छोड़ कर आई थी। 

गौरतलब है कि भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया। इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। 

कोविंद ने कहा कि चंद्रयान 2 को 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था और 50 दिनों तक यह पूरी तरह से सफल रहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 3.84 लाख करोड़ किलोमीटर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की और केवल 2.1 किलोमीटर शेष रह गया था। जो दूरी शेष रह गई थी, वह नगण्य थी। यह बड़ी उपलब्ध रही।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं इसरो के वैज्ञानिकों से कहना चाहता हूं कि हम होंगे कामयाब, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास कि हम होंगे कामयाब एक दिन।’’ 

समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं से मिलना और उनके साथ संवाद करना मुझे हमेशा से प्रिय रहा है। इस देश के नौजवान अर्थात् हमारे युवा बेटे-बेटियां, न केवल देश को दिशा देने की सामर्थ्‍य रखते हैं, अपितु वे स्‍वयं भारत का भविष्‍य हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मनीषी और चिन्‍तक युवा-शक्‍ति के लिए सदैव प्रेरक होते है, उनके ‘रोल-मॉडल’ होते हैं। सामान्‍य तौर पर, ये रोल-मॉडल समय-समय पर, देश-काल और परिस्‍थिति के अनुसार, बदलते रहते हैं। लेकिन कुछ रोल-मॉडल कभी नहीं बदलते। ऐसे ही एक कालजयी रोल मॉडल हैं - स्‍वामी विवेकानन्‍द थे। 

कोविंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ऐसी शिक्षा चाहते थे ‘जिससे चरित्र बने, मानसिक तेज बढ़े, बुद्धि का विकास हो और जिससे मनुष्‍य अपने पैरों पर खड़ा हो सके’। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे युवाओं में असीम प्रतिभा और ऊर्जा है। इस प्रतिभा और ऊर्जा का समुचित विकास और उपयोग किए जाने की जरूरत है। इस दिशा में प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं और इन प्रयासों के परिणाम भी सामने आने लगे हैं।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर खेल के मैदान तक भारत के बेटे-बेटियां विश्‍व समुदाय पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

Web Title: president Ram Nath kovind isro Chandrayaan 2 we will be successful one day

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