राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को कानपुर देहात के परौंख गांव में अपने जन्म स्थान पहुंचे। हैलीपैड से उतरते ही राष्ट्रपति ने सबसे पहले अपने गांव की मिट्टी को छूकर उसे माथे पर लगाया और प्रणाम किया। इस दौरान जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।
देश के सर्वाच्च पद पर होते हुए भी राष्ट्रपति अपने गांव को नहीं भूले हैं। जन्मभूमि की मिट्टी को सिर पर लगाते जिसने भी देखा वो हैरान रह गया। राष्ट्रपति की सहजता और गांव के प्रति प्रेम देखकर हर कोई हैरान रह गया।
राष्ट्रपति ने अपने बचपन के दोस्त कृष्ण कुमार से भी मुलाकात की। कानपुर कैंट में वह अपने बीमार मित्र का हालचाल पूछने पहुंचे थे। उन्होंने कृष्ण कुमारसे कहा कि उन्हें जब से बीमार होने की जानकारी मिली है, तब से वह बेचैन थे। उन्होंने साफ कहा कि वे एक राष्ट्रपति की नहीं बल्कि एक दोस्त की हैसियत से उनके घर पर पहुंचे हैं।
राजनीति पर नहीं हुई बात
उनके मित्र के बेटे विकास अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रपति से मिलने के लिए उनके एक अन्य मित्र भी उनके घर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इस मुलाकात के दौरान किसी भी तरह की राजनीति की बात नहीं हुई।
पथरी देवी मंदिर में पूजा अर्चना भी की
पुलिस अधीक्षक के जन संपर्क अधिकारी ने बताया कि पटेल और आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति कोविंद का उनके पैतृक गांव परौंख में स्वागत किया। कोविंद अपनी पत्नी और बेटी के साथ पथरी देवी मंदिर गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। कोविंद ने पटेल और आदित्यनाथ के साथ परौंख गांव का दौरा किया। कोविंद परौंख गांव के प्राथमिक स्कूल पहुंचे।