तीन साल पहले जब पाक परस्त आतंकियों ने 18 सितंबर को उड़ी में सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला कर 23 सैनिकों को मार डाला था, उसी समय इस हमले का जवाब देने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया गया था. इनमें सैनिक मोर्चों पर जो चार विकल्प जवाब देने के लिए सुझाए गए थे तब उनका परिणाम अंत में भरपूर युद्ध के रूप में ही निकलता था, लेकिन अब जबकि पाकिस्तान दुनियाभर में अलग-थलग पड़ चुका है और भारत इन विकल्पों का खुल कर इस्तेमाल करने लगा है, उससे यह आशंका जरूर व्यक्त की जाने लगी है कि पाकिस्तान के साथ करगिल सरीखे लघु युद्धों की शुरुआत हो सकती है, जो सेक्टर स्तर पर ही लड़े जाएंगे.
यह भी कहा जा रहा है कि अब भारत प्रशिक्षण शिविरों पर मिसाइलों से हमले करेगा. चार विकल्पों में एक था एलओसी पार कर कमांडो कार्रवाई, दूसरा आतंकी टेऊनिंग कैम्पों पर हवाई हमले, तीसरा बोफोर्स का इस्तेमाल करते हुए प्रशिक्षण शिविरों के साथ-साथ लांचिंग पैड बन चुकी पाक सेना की अग्रिम सैन्य चौकियों को नेस्तनाबूद कर देना तथा चौथा विकल्प अमेरिका की तर्ज पर मिसाइलों से हमले करना.
सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण केंद्रों पर हवाई हमले किए जाने का जो विकल्प दिया गया था उसके अंतर्गत एक बार फिर से मिराज-2000, सुखोई तथा राफेल विमानों का इस्तेमाल कर अचूक निशाना साध कर हमलों की गुपचुप तैयारी की जा रही है. अब तीसरे विकल्प का इस्तेमाल भारतीय सेना ने किया है जिसके तहत बोफोर्स तोपों का खुल कर इस्तेमाल करने की इजाजत देने का विकल्प था. इसके अतंर्गत एलओसी से 18 से 20 किमी की दूरी पर स्थित कुछ प्रशिक्षण केंद्रों पर बोफोर्स तोपों से हमला किया गया है.
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवाद के प्रशिक्षण केंद्रों को नष्ट करने के लिए सुझाए गए चार विकल्पों में से सबसे बड़ा विकल्प जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों के इस्तेमाल का भी है, जो पूरी तरह से अमेरिका की तर्ज पर करने की बात कही जा रही है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने अफगनिस्तान में भरपूर युद्ध छेड़ने से पूर्व कुछ अरसा पहले अफगानिस्तान के विभिन्न शहरों में अल कायदा तथा लादेन को नष्ट करने के इरादों से मिसाइलों से हमला किया था और अब उसी प्रकार की नीति अपनाने के लिए कहा जा रहा है.
सीमा पार पाक की हर हरकत पर बीएसएफ की पैनी नजर: लोढ़ा
सीमा सुरक्षाबल (राजस्थान फ्रंटियर) के महानिरीक्षक अमित लोढ़ा ने आज कहा कि सीमा पार पाकिस्तान की हर हरकत पर बल की पैनी नजर है और वह किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम है.दो दिवसीय जैसलमेर दौरे पर आए लोढ़ा ने कहा कि सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) राजस्थान से लगती पाकिस्तान सीमा पर हर परिस्थिति से निपटने के लिए के लिए सजग और तैयार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ को तकनीकी हिसाब से और अधिक मजबूत करने की जरूरत है तथा इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि सीमा पार से होने वाली हर हरकत का करारा जवाब दिया जा सके.
उन्होंने कहा कि सीमा के निकट रहने वाले लोगों के साथ बल का बेहतर तालमेल रहे, इसके लिए भी बीएसएफ हमेशा प्रयासरत रहता है.इसी कड़ी में बीएसएफ ने 'घर आंगन' नाम से सीमावर्ती ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखने के लिए सामाजिक सरोकार की एक योजना शुरू की है जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं.