पटनाः प्रभु श्रीराम पर दिए गए विवादित बयान को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी सुर्खियों में हैं. इसको लेकर मांझी पर भाजपा ने निशाना साधा है.
अब चौतरफा घिरने के बावजूद भी मांझी अपने बयानों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते हैं और भाजपा पर पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया है. उन्होंने लिखा है कि गुस्से का अभी तक हमने इजहार कहां किया है. मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा है... ये जो हम कह रहें हैं, बस सदियों का दर्द है, गुस्से का अब-तक हमने इजहार कहां किया…धर्म के राजनीतिक ठेकेदारों की जबान ऐसे मामलों पर चुप हो जाती है. अब कोई कुछ नहीं बोलेगा, क्योंकि धर्म के ठेकेदारों के पसंद नहीं कि दलित मंदिर में जाए, दलित धर्मिक कव्यों पर टिप्पणी करे.
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से कर्नाटक के कोप्पल की एक खबर को पोस्ट की है. इस खबर के मुताबिक कोप्पल में एक अनुसूचित जाति के माता-पिता पर 23 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना लगाने की वजह यह बताई गई कि अनुसूचित जाति के माता- पिता का दो साल के बच्चा मंदिर में आशीर्वाद लेने चला गया था.
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मांझी ने रामायण को काल्पनिक और भगवान राम के अस्तित्व को लेकर सवाल खडे़ किए थे. उन्होंने कहा था कि श्रीराम को मैं वास्तविक रुप में महापुरुष नहीं मानता. सच में राम थे, इसे वे नहीं मानते. मांझी के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है. इसके बाद वह भाजपा के निशाने पर आ गए थे.
जीतन राम मांझी के ऊपर भाजपा के नेताओं ने हमला बोला था. भाजपा के विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मांझी अगर राम को नहीं मानते तो उनके घर वालों ने उनका नाम जीतनराम की बजाय जीतन राक्षस क्यों नहीं रखा? इसके बाद भी मांझी झुकने को तैयार नहीं दिखते हैं. उनके इस नये ट्वीट के बाद सियासत के और गर्माने की संभावना व्यक्त की जाने लगी है.