ओडिशा: आखिर क्यों पोस्टमैन ने 10 साल में 6000 से ज्यादा पत्र नहीं बांटे ?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: August 17, 2018 05:33 IST2018-08-17T05:33:24+5:302018-08-17T05:33:24+5:30
ओडिशा में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक पोस्टमैन ने बीते 10 साल में छह हजार से ज्यादा पत्र नहीं बांटे हैं। जिस कारण से अब उसको अपनी नौकरी से हाथ छोना पड़ा है।

ओडिशा: आखिर क्यों पोस्टमैन ने 10 साल में 6000 से ज्यादा पत्र नहीं बांटे ?
भुवनेश्वर. ओडिशा में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक पोस्टमैन ने बीते 10 साल में छह हजार से ज्यादा पत्र नहीं बांटे हैं। जिस कारण से अब उसको अपनी नौकरी से हाथ छोना पड़ा है। खास बात ये है कि इनमें से कई पत्र बेहद जरुरी थे। एटीएम कार्ड और बैंक पासबुक थीं, जो लोगों के पास पहुंची ही नहीं।
हाल ही में ओडिशा के ओधंगा गांव में एक जर्जर इमारत में कुछ स्कूली बच्चों को एक पोस्ट ऑफिस के कुछ पत्र मिले। यह पोस्ट काफी समय पहले ही ऑफिस नई इमारत में शिफ्ट कर दिया गया था। बच्चों ने चिट्ठियों से भरे बैग के बारे में अपने माता-पिता को को इस बारे में अवगत करवाया। जिसके बाद उन्होंने इस जानकारी अधिकारियों को दी गई। इतना ही नहीं खबर के अनुसार इनमें से करीब 1500 लेटर सुरक्षित निकले, बाकी दीमक लगने से खराब हो गए थे।
वहीं, इस पोस्टमैन का नाम जगन्नाथ पुहान बताया जा रहा है। गांव के पोस्ट ऑफिस में वही इकलौता पोस्टमैन था। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि जगन्नाथ आलसी, लेकिन चालाक था। वहीं, आरोपी केवल स्पीट पोस्ट या रजिस्टार्ड को ही सही पते पर वह ले जाता था। क्योंकि इन पत्रों की तहकीक हो सकती थी। बाकी साधारण डाक से आने वाले पत्रों को रद्दी में डाल देता था।
यह बात साफ नहीं हो पाई कि इतने सालों में गांव के किसी व्यक्ति ने जगन्नाथ की शिकायत क्यों नहीं की? ऐसी स्थिति में अफसरों के लिए जगन्नाथ पर कार्रवाई करना मुश्किल हो रहा है। वहीं, आरोपी का कहना है कि उसकी तबियत ठीक नहीं रहती जिस कारण से पत्रों को संबंधित पते पर पहुंचाना मुश्किल था। वहीं, अब जो पत्र अच्छी स्थिति में हैं, उन्हें बाकायदा उनके पते पर पहुंचाया जाएगा। लेकिन सैकड़ों पत्र लोगों तक नहीं पहुंचाए जा सकेंगे, क्योंकि वे खराब हो चुके हैं।