प्रदूषण : न्यायालय ने वाणु गुणवत्ता में ‘हल्के’ सुधार पर संज्ञान लिया, पाबंदियों में छूट तय करने की अनुमति दी

By भाषा | Updated: December 10, 2021 14:37 IST2021-12-10T14:37:00+5:302021-12-10T14:37:00+5:30

Pollution: Court takes note of 'mild' improvement in air quality, allows relaxation in restrictions | प्रदूषण : न्यायालय ने वाणु गुणवत्ता में ‘हल्के’ सुधार पर संज्ञान लिया, पाबंदियों में छूट तय करने की अनुमति दी

प्रदूषण : न्यायालय ने वाणु गुणवत्ता में ‘हल्के’ सुधार पर संज्ञान लिया, पाबंदियों में छूट तय करने की अनुमति दी

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में हुए ‘हल्के’ सुधार का शुक्रवार को संज्ञान लिया और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को अनुमति दी कि वह निर्माण गतिविधियों सहित अन्य पाबंदियों में छूट देने के संबंध में मिली अर्जियों पर एक सप्ताह के भीतर फैसला ले सकता है।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की विशेष पीठ ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान से अपने पुराने आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। इस आदेश में जिसमें न्यायालय ने एनसीआरक्षेत्र में आने वाले राज्यों से कहा था कि वे रियल एस्टेट फर्मों से वसूले जाने वाले उपकर से निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी देते रहें, क्योंकि पाबंदियों के कारण उनकी जीविका प्रभावित हुई है।

पीठ ने कहा कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को दिहाड़ी भुगतान के संबंध में अनुपालन हलफनामा दायर करना होगा।

पीठ ने कहा, ‘‘हम आयोग (एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) को निर्देश देते हैं कि वह विभिन्न उद्योगों और संगठनों की ओर से हमारे आदेशों या अन्य सर्कुलर के कारण लागू पाबंदियों में छूट के लिए मिली अर्जियों पर फैसला लें। हम आशा करते हैं कि आयोग इस संबंध में एक सप्ताह में फैसला लेगा।’’

पीठ ने इस संबंध में विभिन्न बिल्डरों, गन्ना, चावल और कागज मिलों तथा अन्य की ओर से पाबंदियों से छूट देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया।

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Web Title: Pollution: Court takes note of 'mild' improvement in air quality, allows relaxation in restrictions

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