बिहार: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर उठाया सवाल, कह दी बड़ी बात
By रुस्तम राणा | Published: September 10, 2022 07:37 PM2022-09-10T19:37:53+5:302022-09-10T19:58:47+5:30
एक सवाल के जवाब में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, 2024 के चुनावों के लिए हमें एक विश्वसनीय चेहरे की जरूरत है। यहां उन्होंने नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़ा किया।
पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर से निशाना साधा है। शनिवार को उन्होंने एएनआई से बात करते हुए नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक महीने पहले ही बीजेपी छोड़ दी है और बीजेपी के विरोध में नेताओं और पार्टियों से मिल रहे हैं, लेकिन ऐसा करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, 2024 के चुनावों के लिए हमें एक विश्वसनीय चेहरे की जरूरत है।
जब पोल रणनीतिकार प्रशांत किशोर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, नीतीश जी मुझसे नाराज़ नहीं हैं, यह उनके बोलने का तरीका है। मेरा उनके साथ एक करीबी रिश्ता है। कौन उनकी बातचीत को गंभीरता से लेगा? वह एक महीने पहले भाजपा के साथ थे।"
यहां उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, हम लोग एक नारा सुनते आए हैं कि फेविकोल का जोड़ है, नहीं टूटने वाला। बिहार में तो हम लोगों ने कई तरह के जोड़ों को बनते और बिगड़ते हुए देखा है। हमने देखा कि नीतीश जी कैसे भाजपा के साथ थे, फिर छोड़ा, फिर साथ आए, फिर छोड़ा।
He (Bihar CM Nitish Kumar) just left BJP a month ago & is meeting leaders & parties in opposition to BJP, but doing that won't make much of a difference. We need a credible face for that, public faith, workforce & mass movement (for 2024 polls): Poll strategist Prashant Kishore pic.twitter.com/hb2nj8Pzkz
— ANI (@ANI) September 10, 2022
पीके ने आगे कहा, हर तरह के जोड़ बने और टूटे केवल एक ही जोड़ नहीं टूटा और वो मुख्यमंत्री की कुर्सी और नीतीश जी के बीच का जोड़ है। ऐसी बाजीगरी केवल नीतीश जी कर सकते हैं, इसलिए मैंने कहा कि फेविकोल को इन्हीं (नीतीश कुमार) को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लेना चाहिए।
हम लोग एक नारा सुनते आए हैं कि फेविकोल का जोड़ है, नहीं टूटने वाला। बिहार में तो हम लोगों ने कई तरह के जोड़ों को बनते और बिगड़ते हुए देखा है। हमने देखा कि नीतीश जी कैसे भाजपा के साथ थे, फिर छोड़ा, फिर साथ आए, फिर छोड़ा: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पटना pic.twitter.com/dZQTfTRgX0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 10, 2022
इससे पहले उन्होंने नीतीश कुमार के विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास में किए गए दिल्ली दौरे को भी निरर्थक बताया था। उन्होंने कहा था, अगर कोई दिल्ली में लोगों से मिल रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर उसका कद बढ़ रहा है।