महाराष्ट्र की राजनीति: राजस्थान बना गैर-भाजपाइयों की सुरक्षा का सियासी गढ़!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 23, 2019 05:33 IST2019-11-23T05:33:15+5:302019-11-23T05:33:15+5:30
कुछ समय पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक जयपुर में रह कर गए हैं, अब संभावना है कि शिवसेना के विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक सियासी सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान में रहेंगे.

महाराष्ट्र की राजनीति: राजस्थान बना गैर-भाजपाइयों की सुरक्षा का सियासी गढ़!
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद जो राजनीतिक तस्वीर उभरी है, उसमें गैर-भाजपाई दलों को सियासी जोड़तोड़ से अपने विधायकों की सुरक्षा की चिंता सता रही है. ऐसे में कई कारणों से राजस्थान, गैर-भाजपाइयों की सुरक्षा का सियासी गढ़ बन कर उभरा है.
कुछ समय पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक जयपुर में रह कर गए हैं, अब संभावना है कि शिवसेना के विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक सियासी सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान में रहेंगे. सियासी जोड़तोड़ के नजरिए से बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व, खासकर अध्यक्ष अमित शाह को एक्सपर्ट माना जाता है, लेकिन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत सियासी जोड़तोड़ से सुरक्षा के मामले में सक्षम साबित हुए हैं.
यही वजह है कि गैर-भाजपाइयों को सियासी जोड़तोड़ से सुरक्षा के मामले में राजस्थान सबसे विश्वसनीय नजर आ रहा है. वैसे, इस तरह की राजनीति में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी एक्सपर्ट हैं, परन्तु वसुंधरा राजे और अमित शाह के सियासी रिश्ते जगजाहिर हैं, लिहाजा बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के सियासी जोड़तोड़ का जादू राजस्थान में उतना असरदार नहीं हो सकता है.
बहरहाल, महाराष्ट्र में गैर-भाजपाई सरकार के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. ऐसी स्थिति में विधायकों की सियासी सुरक्षा बड़ा मुद्दा है. जाहिर है, इसके लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित जगह है!