प्रियंका गांधी वाद्रा के ट्वीट के बाद आजमगढ़ में 'दलित उत्पीड़न' की सियासत गरमाई

By भाषा | Updated: July 5, 2021 18:24 IST2021-07-05T18:24:51+5:302021-07-05T18:24:51+5:30

Politics of 'Dalit oppression' heats up in Azamgarh after Priyanka Gandhi Vadra's tweet | प्रियंका गांधी वाद्रा के ट्वीट के बाद आजमगढ़ में 'दलित उत्पीड़न' की सियासत गरमाई

प्रियंका गांधी वाद्रा के ट्वीट के बाद आजमगढ़ में 'दलित उत्पीड़न' की सियासत गरमाई

आजमगढ़/लखनऊ (उप्र) पांच जुलाई आजमगढ़ जिले के रौनापार थानाक्षेत्र के पलिया गांव में करीब एक सप्ताह पूर्व पुलिस के जवानों पर हुए हमले व आरोपियों के घरों में तोड़फोड़ के मामले में कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा के ट्वीट के बाद आजमगढ़ में ‘दलित उत्पीड़न’ को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के अलावा भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी भी इस मामले को लेकर आक्रामक है।

कांग्रेस पार्टी दलितों के पुलिस उत्पीड़न के मुद्दे को लेकर दलितों के साथ पलिया गांव में धरने पर बैठ गई है। भीम आर्मी भारत एकता मिशन के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने 19 जुलाई को पलिया गांव पहुंचकर पीड़ितों को न्याय दिलाने का ऐलान कर दिया है। दूसरी तरफ आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस पर हमला हुआ है और इस मामले में राजनीति उचित नहीं है।

प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को ट्वीट किया ''आजमगढ़, रौनापार के पलिया गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दलित परिवारों पर हमला करने की खबर आ रही है। वहां कई मकानों को तोड़ा गया, सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज किया गया। यह सरकारी अमले की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है। तत्काल दोषियों के ऊपर कार्यवाही हो और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।''

दो दिन पूर्व भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया '' जिला आजमगढ़, ग्राम पलिया के प्रधान मुन्ना पासी जी के घर पर की गई तोड़-फोड़ प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। योगी जी दलितों पर आपकी पुलिस द्वारा किया गया अत्याचार दलित समाज भूलेगा नहीं। मैं 19 जुलाई को पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने खुद आजमगढ़ आ रहा हूं।’’

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव दो दिन पहले पलिया गांव पहुंचे और बाद में पत्रकारों से कहा कि ''दलितों के साथ पुलिस ने ज्यादती की है, दलितों के मकान ढहाए हैं और दलितों के घरों में लूटपाट की है। इस मामले को लेकर हम न्याय दिलाने के लिए उच्‍च न्‍यायालय में जाएंगे।''

गौरतलब है कि रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में 29 जून की शाम को गांव के ही एक बंगाली डॉक्टर से कुछ लोगों का विवाद हो गया था। सूचना के बाद नजदीक के पिकेट पर ड्यूटी कर रहे पुलिस के दो जवान मौके पर पहुंचे। आरोप है कि पुलिस के जवान वहां पहुंचे तो वहां गांव के ग्राम प्रधान व उनके समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला किया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हुए जिसमें से एक की हालत अब भी गंभीर है। पुलिस पर हमले के बाद देर रात पुलिस ने दलित बस्ती की घेराबंदी की। मुख्य आरोपी बताये जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की व मकान को गिरा दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घरों में लूटपाट भी की। पुलिस की कार्रवाई को देखकर ग्रामीण सहम गये और इसके बाद पुरुष व बच्चे घर छोड़कर भाग गये। दूसरे दिन पुलिस ने 11 नामजद व 135 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

इस घटना के बाद कांग्रेस ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और दलित और कांग्रेस कार्यकर्ता बस्ती में धरने पर बैठ गये। पिछले कई दिनों से कांग्रेस पार्टी दर्ज मामले को वापस लेने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है।

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Web Title: Politics of 'Dalit oppression' heats up in Azamgarh after Priyanka Gandhi Vadra's tweet

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