पटना/नई दिल्ली: देश आज 75वें गणतंत्र दिवस की खुशियों में डूबा है, वहीं दूसरी ओर बिहार की राजधानी पटना में सियासी गहमागमी बहुत तेजी से बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव को अपनी किडनी देने वाली रोहिणी आचार्य के लिए सोशल प्लेटफार्म 'एक्स' किये पोस्ट के कारण उनके भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक बार फिर से सत्ता की गद्दी से दर-बदर हो सकते हैं।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार सत्ता के बदलन का खेल कर सकते हैं। बिहार की सियासत में नीतीश कुमार कभी तो राजद के लिए 'चाचा' हो जाते हैं तो कभी वो 'पलटूराम' जैसे शब्दों से भी पुकारे जाते हैं।
वहीं मौजूद सियासत की बात करें तो इंडिया टुडे का सूत्रों के हवाले से कहना है कि नीतीश कुमार एक बार फिर 'पलटने' की पुनरावृत्ति कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि आगामी 28 जनवरी को नीतीश कुमार राजद समेत महागठबंधन को नमस्ते कहते हुए एनडीए के पाले में जा सकते हैं और भाजपा को अपने खेमे में खड़ा कर सकते हैं। सूत्रों की माने तों बिहार में जल्द ही सत्ता परिवर्तन हो सकता है और जनता दल (यूनाइटेड) और बीजेपी सरकार बन सकती है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे दिलचस्प केंद्र बिंदू मुख्यमंत्री पद का पद है तो कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ही फिर से उस कुर्सी पर कब्जा करते हुए शपथ ग्रहण को लीड करेंगं। वहीं राज्यसभा सांसद और बिहार की सियासत का वनवास झेल रहे भाजपा के धुरंधर नेता सुशील मोदी फिर से नीतीश की कमान में उपमंत्री हो सकते हैं।
ऐसा इस कारण से कहा जा रहा है क्योंकि सियासत के बदलते तेवर पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने भी इशारे-इशारे में कह दिया है कि राजनीति को "संभावनाओं का खेल" है। उन्होंने कहा, "दरवाजे बंद हैं लेकिन वे खुल भी सकते हैं।" हालांकि सुशील मोदी ने बेहद चतुराई से जदयू-राजद के आंतरिक कलह और बिहार भाजपा की रणनिति पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
नीतीश के बदले तेवर से बिहार में राजनीति में भारी उथल-पुथल मची हुई है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार की जदयू और लालू प्रसाद यादव की राजद में तनाव का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा जननायक कर्पूरी ठाकुर को जिये जाने वाला भारत रत्न का सम्मान बना है। समाजवाद के मुखिया रहे जाने वाले कर्पूरी ठाकुर को अपने सियासी खाने में फिट करने की कवायद में राजद और जदयू आमने-सामने आ गये।
लालू यादव ने जिस तरह से कर्पूरी ठाकुर को अपना राजनीतिक गुरु बताया और राजद इसे लेकर वोटरों को गोलबंदी का मुद्दा बना रही थी। नीतीश कुमार को यह बात रास नहीं आयी और उन्होंने परोक्ष रूप से लालू परिवार पर हमला करते हुए राजनीति में 'परिवारवाद' को लेकर जो तंज कसा।
उससे पूरा लालू परिवार तिलमिला उठा और उसी आवेश में लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा एक्स पर किया पोस्ट आग में घी बन गया। हालांकि हालात के नजाकत को समझते हुए रोहिणी आचार्य ने वो पोस्ट हटा दी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।