शरद पवार को लेकर शिवसेना नेता के बयान पर महाराष्ट्र में सियासत गर्माई

By भाषा | Updated: September 21, 2021 21:59 IST2021-09-21T21:59:41+5:302021-09-21T21:59:41+5:30

Politics heats up in Maharashtra on Shiv Sena leader's statement regarding Sharad Pawar | शरद पवार को लेकर शिवसेना नेता के बयान पर महाराष्ट्र में सियासत गर्माई

शरद पवार को लेकर शिवसेना नेता के बयान पर महाराष्ट्र में सियासत गर्माई

मुंबई/नयी दिल्ली 21 सितंबर पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता अनंत गीते ने कहा है कि अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार शिवसैनिकों के लिए ‘गुरु’ नहीं हो सकते।

उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार सिर्फ एक ‘‘समझौता’’ है।

गीते के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गर्मा गई है।

एक ओर, विपक्षी भाजपा ने दावा किया कि गीते ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के विचार व्यक्त किए तो दूसरी ओर राकांपा के एक नेता ने कहा कि गीते को दरकिनार कर दिया गया है और उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पवार सबके नेता हैं।

पवार को एमवीए सरकार का वास्तुकार और धुरी माना जाता है, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भाजपा के बीच संबंधों में खटास के बाद सत्ता में आयी। शिवसेना और भाजपा ने 2014 से 2019 तक सत्ता साझा की थी।

अपने गृह क्षेत्र रायगढ़ में सोमवार को एक जनसभा में गीते ने कहा, ‘‘शरद पवार कभी हमारे नेता नहीं हो सकते क्योंकि यह सरकार (एमवीए) केवल एक समझौता है। लोग पवार के लिए जितनी वाहवाही करें, लेकिन हमारे ‘गुरु’ केवल (दिवंगत) बालासाहेब ठाकरे हैं।’’

गीते ने कहा, ‘‘जब तक यह सरकार काम कर रही है, तब तक चलती रहेगी... अगर हम अलग हो गए तो हमारा घर शिवसेना है और हम हमेशा अपनी पार्टी के साथ रहेंगे।’’ रायगढ़ के पूर्व सांसद गीते ने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति उनकी कोई ‘बुरी मंशा’ नहीं है और वह चाहते हैं कि सरकार चले।

साल 2019 से पहले केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री रहे गीते ने कहा, ‘‘पवार ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर अपनी पार्टी बनाई थी। यदि कांग्रेस और राकांपा एक नहीं हो सकते हैं तो शिवसेना भी पूरी तरह से कांग्रेस की नीति पर नहीं चल सकती। कांग्रेस और राकांपा के रिश्ते हमेशा से सौहार्दपूर्ण नहीं थे।’’

राकांपा का गठन 25 मई, 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया था, जब उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) से, इटली में जन्मी सोनिया गांधी के पार्टी के नेतृत्व करने के अधिकार पर विवाद के कारण निष्कासित कर दिया गया था।

राकांपा बाद में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकारों का हिस्सा बनी, जिसमें पवार ने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और राकांपा ने 2014 तक सत्ता साझा की। गीते ने 2014 के चुनावों के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया था जब शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा थी।

गीते 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने राकांपा प्रतिद्वंद्वी सुनील तटकरे से मामूली अंतर से हार गए। तटकरे की बेटी अदिति वर्तमान में एमवीए सरकार में राज्य मंत्री हैं।

भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को कहा कि गीते यह कहना चाहते हैं कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन ''अप्राकृतिक'' है।

पूर्व मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कहा, ''मैं यह लंबे समय से कह रहा हूं कि महा विकास अघाड़ी एक अप्राकृतिक गठबंधन है, और यह सरकार नहीं चला सकता। गीते ने भी यही तथ्य कहा है।''

भाजपा के एक अन्य नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “यदि शिवसेना के किसी कार्यकर्ता का नार्को-विश्लेषण परीक्षण किया जाता है, तो राकांपा और कांग्रेस के साथ संबंध तोड़ने की मांग करते हुए उनकी आंतरिक आवाज बाहर आ जाएगी। यह (गठबंधन) शिवसेना के लिए एक राजनीतिक आत्महत्या है।"

वहीं 2019 के आम चुनाव में गीते को हराने वाले रायगढ़ से राकांपा सांसद सुनील तटकरे ने गीते की टिप्पणी को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, 'गीते को दरकिनार कर दिया गया है, इसलिए हमारे नेता शरद पवार के खिलाफ उनके बयान पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। ऐसा लगता है कि वह इस गठबंधन से निराश हैं।''

उन्होंने कहा, "उन्हें चेतावनी देना या न देना शिवसेना का आंतरिक मामला है। पवार पूरे राज्य के नेता हैं। यह सरकार मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन करती रहेगी।"

इससे पहले, नयी दिल्ली में, शिवसेना के प्रवक्ता और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि पवार देश के नेता हैं। उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार और शिवसेना, कांग्रेस तथा राकांपा की व्यवस्था पांच साल तक जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, ''मुझे इसकी (गीते की टिप्पणी की) जानकारी नहीं है। महाराष्ट्र में तीन दलों की एक व्यवस्था है। शरद पवार देश के नेता हैं।''

राउत ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, '''चाहे वह शरद पवार हों, उद्धव ठाकरे हों या कांग्रेस... सभी ने (एमवीए) सरकार बनाई है। यह व्यवस्था पांच साल तक चलेगी और इसे पूरे महाराष्ट्र ने स्वीकार किया है।''

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे शिवसेना के लिए फैसले लेते हैं।

राउत ने कहा, ''इस समय हम सब एक साथ हैं।

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