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बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में जारी है शब्दों की जंग, राजद नेता के बयान पर गरमायी सियासत

By एस पी सिन्हा | Updated: January 22, 2023 17:08 IST

राजद कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पहले रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया। इसके बाद मंत्री सुरेंद्र यादव ने सेना को लेकर विवादित टिप्पणी की और अब राजद कोटे के ही मंत्री आलोक मेहता ने सवर्ण जाति के लोगों को अंग्रेजों का पिट्ठू और दलाल बताकर माहौल को गर्मा दिया है।

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ठळक मुद्दे राजद कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पहले रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बतायाअब राजद कोटे के ही मंत्री आलोक मेहता ने सवर्ण जाति के लोगों को अंग्रेजों का पिट्ठू और दलाल बताया हैजदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि कोई हमारे पूर्वजों को अपमानित करे यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा

पटना:बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की मुख्य घटक दल राजद नेताओं के एक के बाद एक विवादित बयान ने राज्य की राजनीति को गरमा दे रहे हैं। राजद कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पहले रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया। इसके बाद मंत्री सुरेंद्र यादव ने सेना को लेकर विवादित टिप्पणी की और अब राजद कोटे के ही मंत्री आलोक मेहता ने सवर्ण जाति के लोगों को अंग्रेजों का पिट्ठू और दलाल बताकर माहौल को गर्मा दिया है। अब मंत्री आलोक मेहता के इस बयान के बाद एक बार फिर से जदयू विधान पार्षद व मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंत्री आलोक मेहता को इतिहास पढ़कर जानकारी हासिल करने की सलाह दे दी है।

नीरज कुमार ने कहा है कि कोई हमारे पूर्वजों को अपमानित करे यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। सवर्ण जाति के लोगों ने अग्रेजों से लड़ाई में अपने खेत-खलिहान को बेच दिया और कारावास में अपनी जिंदगी बिता दी। बिहार स्वतंत्रता सेनानी के बेटों का है। मंत्री आलोक मेहता का बयान दुखद और अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि राजद के नेता बिना किसी जानकारी के गलत बयानबाजी कर रहे हैं। आलोक मेहता को पता होना चाहिए कि आजादी की लड़ाई जाति के आधार पर नहीं लड़ी गई थी। 

आजादी की लड़ाई में सभी समुदाय के लोगों ने अपना बलिदान दिया है। कुछ भी बोलने से पहले देश का आजादी की लड़ाई की जानकारी ले लेनी चाहिए। मंत्री आलोक मेहता का बयान दुखद और अपमानजनक है। किसी के पूर्वज को कोई सार्वजनिक रूप से अंग्रेजों का दलाल कह दे, यह किसी को अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सवर्ण जाति के लोगों ने अग्रेजों से लड़ाई में अपने खेत-खलिहान को बेच दिया और कारावास में अपनी जिंदगी को बिता दिया था। बिहार स्वतंत्रता सेनानी के बेटों का बिहार है। 

नीरज ने कहा कि जो लोग जाति व्यवस्था पर टिप्पणी करते हैं, उनको प्राचीन भारत की इतिहास पढ़ लेना चाहिए। बिहार सरकार ने जो सवर्ण आयोग बनाया उसकी रिपोर्ट का जानकारी ले लेना चाहिए। पूर्वजों को अपमानिक करने का अधिकार किसी को नहीं है। सवर्णों को 10 प्रतिशत का आरक्षण कोई भीख नहीं है और ना ही किसी के कृपा से मिला है। संसद से यह कानून बना और सुप्रीम कोर्ट ने इसपर मुहर लगाई। बिहार सबसे पहला राज्य है, जहां 2011 में सवर्ण आयोग की रिपोर्ट आई। इसके बावजूद इस तरह से बयान देकर समाज को बांटने का अधिकार किसी को नहीं है। 

उन्होंने कहा कि राजद ए- टू- जेड की पार्टी होने का दावा करती है। उम्मीद है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसपर अपना नजरिया जरूर पेश करेगी। हमारी पार्टी ने राजद के साथ इसलिए गठबंधन किया कि उन्होंने राजद को ए- टू- जेड की पार्टी बताया था। जदयू कभी भी समाज को बांटने की बात नहीं करती है, हम सभी जाति और धर्म के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। हमारा मानना है कि जो भी बात हो संविधान के दायरे में रहकर हो। बता दें कि पिछले दिनों रामचरितमानस को लेकर जदयू और राजद आमने सामने आ गए थे।

टॅग्स :आरजेडीजेडीयूबिहार
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