महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यंत्री पद का शपथ ग्रहण करने के बाद सूबे की सियासत गरमारई हुई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फड़नवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया है।
वहीं, शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया। इसके अलावा विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए तुरंत ‘फ्लोर टेस्ट’ कराने का भी अनुरोध किया है।
बता दें कि कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पिछले साल (2018) मई में फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ा था। फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित न करने की वजह से वो महज तीन दिन ही कर्नाटक के सीएम रह पाए थे। येदियुरप्पा के अलावा देश में कई ऐसे मुख्यमंत्री रहें जिनका कार्यकाल सबसे छोटा था।
इस लिस्ट में जगदंबिका पाल का नाम सबसे ऊपर आता है, जो महज 24 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बने थे। 1998 में कल्याण सिंह सरकार की बर्खास्तगी के बाद पाल को 21 फरवरी की देर रात को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी। लेकिन अगली ही सुबह इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और उन्हें एक दिन का मुख्यमंत्री कहा जाने लगा।
ऐसे में आइए जानते हैं कि किन मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल सबसे छोटा था...
| मुख्यमंत्री का नाम | साल | समय (कितने दिन तक रहे मुख्यमंत्री) | राज्य |
| जगदंबिका पाल | 1998 | 24 घंटे (1 दिन तक) | उत्तर प्रदेश |
| बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी) | 2018 | 3 दिन | कर्नाटक |
| बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी) | 2007 | 8 दिन | कर्नाटक |
| सतीश प्रसाद सिंह | 1968 | 5 दिन | बिहार |
| शिबू सोरेन (झामुमो) | 2005 | 9 दिन | झारखंड |
| बी पी मंडल | 1968 | 31 दिन | बिहार |
| ओम प्रकाश चौटाला | 1990 | 5 दिन | हरियाणा |
| ओम प्रकाश चौटाला | 1991 | 4 दिन | हरियाणा |
| एस सी मराक | 1998 | 3 दिन | मेघायल |
| जानकी रामचंद्रन | 1988 | 23 दिन | तमिलनाडु |
| सी एच मोहम्मद कोया | 1979 | 45 दिन | केरल |
फिलहाल, फड़नवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना होगा। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या फड़नवीस बहुमत साबित कर महाराष्ट्र में अपनी सत्ता कामय कर पाएंगे। या वो भी मुख्यमंत्रियों के सबसे छोटे कार्यकाल की लिस्ट में शामिल होंगे।