राजनीतिक सीमाएं कारोबार के लिए अवरोध नहीं बननी चाहिए : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री

By भाषा | Updated: March 9, 2021 19:56 IST2021-03-09T19:56:11+5:302021-03-09T19:56:11+5:30

Political boundaries should not be a hindrance to business: Bangladesh Prime Minister | राजनीतिक सीमाएं कारोबार के लिए अवरोध नहीं बननी चाहिए : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री

राजनीतिक सीमाएं कारोबार के लिए अवरोध नहीं बननी चाहिए : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली, नौ मार्च त्रिपुरा को बांग्लादेश के साथ जोड़ने वाले एक पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि बेहतर संपर्क से ना केवल दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे बल्कि आर्थिक और कारोबारी संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा।

ऑनलाइन कार्यक्रम में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि फेनी नदी पर बना मैत्री सेतु भारत के पूर्वोत्तर के लिए ‘‘व्यापार की जीवनरेखा’’ होगा और कहा कि क्षेत्र में राजनीतिक सीमाएं कारोबार के लिए अवरोध नहीं बननी चाहिए।

हसीना ने कहा, ‘‘इससे पहले अगरतला के लिए निकटवर्ती बंदरगाह करीब 1600 किलोमीटर दूर कोलकाता था। हालांकि, आज अगरतला का निकटवर्ती बंदरगाह चट्टोग्राम का बंदरगाह है और बांग्लादेश से दूरी 100 किलोमीटर से भी कम है। निस्संदेह यह ऐतिहासिक पल है।’’

त्रिपुरा में भारतीय क्षेत्र में बहने वाली फेनी नदी पर बना यह पुल 1.9 किलोमीटर लंबा है। यह भारत में सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है।

मोदी ने कहा कि सेतु से बांग्लादेश के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे और परियोजना को पूरा करने में मदद के लिए ढाका का शुक्रिया अदा किया।

मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सम्पर्क से न केवल मित्रता प्रगाढ़ हो रही है बल्कि व्यापार के लिए भी यह एक मजबूत कड़ी सिद्ध हो रहा है। इस समूचे क्षेत्र को पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार गलियारे के रूप में विकसित किया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैत्री सेतु के खुल जाने से अगरतला, अंतरराष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह से भारत का सबसे नज़दीकी शहर बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण से जुड़़ी जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, उनसे पूर्वोत्तर का बंदरगाह से संपर्क और सशक्त होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे त्रिपुरा के साथ-साथ दक्षिणी असम, मिजोरम और मणिपुर का बांग्लादेश और दक्षिणपूर्व-एशिया से परस्पर सम्पर्क में और बढ़ोत्तरी होगी।’’

मोदी के बांग्लादेश दौरे के पहले पुल का उद्घाटन हुआ है।

हसीना ने कहा, ‘‘पुल भारत के पूर्वोत्तर (क्षेत्र) के लिए व्यापारिक जीवन रेखा होगा क्योंकि आप सब जानते हैं कि बांग्लादेश ने भारत को चट्टोग्राम और मोंगला बंदरगाहों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।’’

उन्होंने कहा कि पुल का उद्घाटन इस बात का गवाह है कि बांग्लादेश सरकार क्षेत्र में खासकर पूर्वोत्तर भारत में संपर्क मजबूत करने के लिए भारत का निरंतर सहयोग कर रही है।

हसीना ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘50 साल पहले 1971 में भारत ने बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में लोगों की मदद के लिए अपनी सीमाएं खोल दी थी। आज हम साथ मिलकर समृद्ध क्षेत्र बना रहे हैं।’’

चटगांव को आधिकारिक तौर पर चट्टोग्राम के तौर पर जाना जाता है। बांग्लादेश में यह महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर है।

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Web Title: Political boundaries should not be a hindrance to business: Bangladesh Prime Minister

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