लाइव न्यूज़ :

महाराष्ट्र के पुणे में थाने ने घर जाने का इंतजार कर रहे बांग्लादेशी दंपति को शरण दिया

By भाषा | Updated: August 10, 2021 22:31 IST

Open in App

पुणे, 10 अगस्त महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक पुलिस थाना परिसर का एक कमरा एक बांग्लादेशी दंपति के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बन गया है, जो अपने देश लौटने और अपने तीन बच्चों से मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिन्हें वे छोड़कर भारत में आजीविका की तलाश में आए थे।

एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि दंपति ने अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के लिए दो साल से अधिक समय तक जेल की सजा काटी है। अदालत ने पुलिस को उन्हें घर वापस भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का आदेश दिया है।

पीटीआई-भाषा से बात करते हुए, दंपति ने कहा कि एक एजेंट उन्हें फरवरी 2019 में एक कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा कर बांग्लादेश से पुणे लाया था। हालांकि, उन्हें उस समय जोरदार झटका लगा, जब महिला को बुधवार पेठ में रेड लाइट एरिया में काम करने के लिए कहा गया।

महिला ने कहा, "जब मैंने विरोध किया और क्षेत्र में काम करने से इनकार कर दिया, तो एजेंट ने मेरे पति को गिरफ्तार करवा दिया, क्योंकि हम दोनों में से किसी के पास वैध पासपोर्ट या वीजा नहीं था। जब मैं किसी तरह उस जगह से भागने में कामयाब रही और पुलिस स्टेशन पहुंची, तो मुझे भी वैध दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया।"

बाद में एक अदालत ने दंपति को दोषी ठहराया और उन्हें दो साल और तीन महीने जेल की सजा सुनाई।

महिला ने कहा, "एजेंट हमें एक कंपनी में नौकरी का वादा करके यहां लाया था। अगर हमें पता होता कि हम यहां मुश्किल में पड़ जाएंगे, तो हम बिना पासपोर्ट और वीजा के सीमा पार नहीं करते। एजेंट, जो हमें यहां लाया था, उसने हमें गिरफ्तार करवा दिया। दो साल जेल में बिताने के बाद अब हम अपने देश वापस जाना चाहते हैं और अपने बच्चों के साथ रहना चाहते हैं।"

फरसखाना थाना के निरीक्षक राजेंद्र लांडगे ने कहा कि बांग्लादेश के सतखिरा जिले के रहने वाले दंपति को विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारी ने बताया, "उनकी रिहाई के बाद, अदालत ने पुलिस को दंपति को उनके देश वापस भेजने के लिए जरूरी इंतजाम करने का आदेश दिया। हम पुणे पुलिस की विशेष शाखा के माध्यम से बांग्लादेश दूतावास से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दंपति को पुलिस थाने में आश्रय दिए हुए दो महीने हो चुके हैं।"

पुलिसकर्मी दंपति को भोजन और अन्य दैनिक आवश्यक चीजें उपलब्ध कराकर उनकी जरूरतों का ख्याल रख रहे हैं।

लांडगे ने कहा, "बकरीद के अवसर पर, हमने उन्हें नए कपड़े का एक सेट भी दिया और उन्होंने हमारे कर्मचारियों के साथ त्योहार मनाया।"

उन्होंने बताया कि बांग्लादेश दूतावास को इस दंपति के बारे में अवगत करा दिया गया है, लेकिन पुलिस को अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

टीवी तड़काBigg Boss 19 Winner: गौरव खन्ना बने 'बिग बॉस 19' के विजेता, फरहाना भट्ट को हराकर जीता खिताब

क्रिकेटवेंकटेश प्रसाद केएससीए प्रेसिडेंट चुने गए, सुजीत सोमसुंदर नए वाइस-प्रेसिडेंट बने

क्रिकेटअभ्यास छोड़ ‘बीच’ रिजॉर्ट में समय बिताएं खिलाड़ी, कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा-करारी हार की वजह जरूरत से ज्यादा अभ्यास करना

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारत अधिक खबरें

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं