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पुलिस ने श्रीनगर में मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजन को प्रदर्शन स्थल से हटाया

By भाषा | Updated: November 18, 2021 12:09 IST

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श्रीनगर, 18 नवंबर श्रीनगर के हैदरपुरा में एक मुठभेड़ में मारे गए दो आम नागरिकों के परिवार के सदस्यों को मध्यरात्रि के करीब पुलिस ने धरना स्थल से बलपूर्वक हटा दिया और उनमें से कुछ को हिरासत में भी ले लिया। वे यहां प्रेस एन्क्लेव में धरने पर बैठे थे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

प्रदर्शनरत परिवार बुधवार की सुबह से धरने पर बैठे थे और उन्होंने दिन भर प्रदर्शन करने के बाद रात में मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया था। वे अपने परिजन के शव उन्हें लौटाए जाने की मांग को लेकर कड़कड़ाती ठंड के बीच प्रेस एन्क्लेव में धरने पर बैठे थे।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मध्यरात्रि के आसपास धरनास्थल से प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटा दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों के आने से पहले ही इलाके में बिजली की आपूर्ति काट दी गयी। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।

जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। पुलिस कार्रवाई की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘निर्दोष नागरिकों के शव सौंपने के बजाय पुलिस ने अपने प्रियजनों के शवों की मांग करने के लिए परिवार के सदस्यों को ही गिरफ्तार कर लिया। अविश्वसनीय रूप से क्रूरता और संवेदनहीनता। कम से कम वे फौरन शव लौटा सकते हैं।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस कार्रवाई को अपमानजनक बताते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ऐसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘दिल की दूरी और दिल्ली से दूरी’’ हटाने के वादे को पूरा कर रही है। यह वादा उन्होंने जून में सर्वदलीय बैठक में किया था।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘यह 2021 का नया कश्मीर है। जम्मू कश्मीर पुलिस प्रधानमंत्री के ‘दिल की दूरी और दिल्ली से दूरी’ हटाने के वादे को ऐसे पूरा कर रही है। यह अपमानजनक है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने परिवारों को शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करने नहीं दिया।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उनकी मांगें जायज और उनका व्यवहार गरिमापूर्ण रहा। इसका नतीजा सभी को दिखाई दे रहा है कि पुलिस रात के अंधेरे में उन्हें घसीट कर ले गयी।’’ उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को परिवारों के पास जाना चाहिए, उनसे निजी तौर पर बात करनी चाहिए और उनके प्रियजनों का शव उन्हें सौंपना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यही एकमात्र सही चीज है, यही करना मानवीय होगा।’’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि प्रशासन अपना ‘‘अमानवीय और बदसूरत चेहरा’’ पेश करने पर आमादा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रशासन को क्या हो गया है ? वे मानवीय रुख क्यों नहीं अपना सकते ? वे अमानवीय और बदसूरत चेहरा दिखाने पर आमादा क्यों हैं ?’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता रुहुल्ला मेहदी ने ट्वीट किया, ‘‘जम्मू कश्मीर पुलिस, जनरल डायर को आप पर बहुत गर्व होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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