पॉक्सो मामले : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत की अर्जी पर सीडब्लूसी को नोटिस देने की समय सीमा तय की
By भाषा | Updated: July 14, 2021 17:50 IST2021-07-14T17:50:55+5:302021-07-14T17:50:55+5:30

पॉक्सो मामले : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत की अर्जी पर सीडब्लूसी को नोटिस देने की समय सीमा तय की
प्रयागराज, 14 जुलाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पॉक्सो कानून के तहत जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जमानत की अर्जी का नोटिस बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) को देने की समय सीमा तय की है और साथ ही संबंधित पुलिस अधिकारियों को जमानत की अर्जी पर सूचना तय समय के भीतर देना निर्धारित किया है।
न्यायमूर्ति अजय भनोत ने सिद्धार्थनगर के जुनैद नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर गत शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
अदालत ने कहा कि जमानत की अर्जी दाखिल करने के लिए उच्च न्यायालय के सरकारी अधिवक्ता (जीए) को नोटिस मिलने पर स्थानीय पुलिस को तीन दिन के भीतर जमानत का नोटिस सीडब्लूसी को और पांच दिनों के भीतर यह नोटिस संबंधित बच्चे के परिजनों को देना होगा।
अदालत ने आगे कहा कि उच्च न्यायालय के समक्ष जमानत की अर्जी पेश किए जाने के समय सीडब्लूसी और संबद्ध पुलिस अधिकारी को अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। जीए कार्यालय को नोटिस दिए जाने के बाद 10 दिन पूरा होने पर जमानत की अर्जी अदालत के समक्ष पेश करनी होगी।
अपने 51 पन्नों के आदेश में अदालत ने निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक इस निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। “वहीं संबंधित जिले के जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जब जमानत की अर्जी अदालत में पेश की जाए, उस समय सीडब्लूसी अपनी रिपोर्ट पेश करे। चूक करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”
अदालत ने कहा, “रजिस्ट्री यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चे या उनके माता पिता का नाम जमानत की अर्जी में पक्षकार के रूप में शामिल ना किया जाए और उस बच्चे की पहचान उजागर करने वाली चीजें जैसे पता या पड़ोस का उल्लेख जमानत की अर्जी में ना किया जाए।”
इस मामले के तथ्यों पर विचार करते हुए अदालत ने आरोपी जुनैद को जमानत दे दी और साथ ही उसे यह निर्देश भी दिया कि वह इस जमानत का दुरुपयोग नहीं करेगा और मुकदमे में सहयोग करेगा।
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