तिरुवनंतपुरम, 17 अगस्त: देश का दक्षिणी राज्य केरल पिछले 100 साल के इतिहास में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। सीएम पिनराई विजयन ने बताया है कि मई महीने से लेकर अब तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शुक्रवार रात केरल पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शुक्रवार शाम तकरीबन 7.15 मिनट पर ट्वीट कर बताया कि वह केरल के लिए निकल रहे हैं। वहां बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने। बता दें कि राज्य में हो रही भारी बारिश से करीब 2 लाख 23 हजार लोग बेघर हो गए हैं और करीब 1,568 राहत कैंप में पनाह लिए हुए हैं।
इस बीच, पंजाब सरकार ने केरल के लिए 10 करोड़ रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है। बता दें कि केरल सीएम ऑफिस ने अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी है, 'केरल पिछले 100 साल की सबसे तबाही वाली आपदा से जूझ रहा है। 80 बांध खोल दिए गए हैं। मई से अब तक 324 लोगों की जानें जा चुकी हैं और तकरीबन 2,23,139 लोग अभी भी राहत कैंप में हैं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 18 अगस्त को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बाढ़ की वजह से केरल के ज्यादातार शहरों के अस्पतालों में स्टाफ घटकर 30 से 35 फीसदी रह गए हैं। बता दें कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का बड़ा कार्य शुरू किया। ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गयीं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया। ये गांव आज किसी द्वीप में तब्दील हो गये हैं।
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी केरलवासी अपने-अपने प्रियजन की मदद की खातिर टीवी चैनलों के माध्यम से अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।