नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और संसद सदस्य (राज्य सभा) एचडी देवगौड़ा से संसद में मुलाकात की। दोनों के बीच बैठक 29 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हुई।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा, "आज संसद में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा जी के साथ शानदार मुलाकात हुई।"हालांकि इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच किन मुद्दों पर बातचीत हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और 23 दिसंबर को खत्म होगा। बाद में देवगौड़ा ने ट्वीट कर इस मुलाकात को ‘‘स्नेहपूर्ण’’ बताया और समय देने के लिए ओर गर्मजोशी से मिलने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। साझा की गयी तस्वीरों में प्रधानमंत्री मोदी को देवेगौड़ा का स्वागत करते हुए और फिर हाथ पकड़कर बिठाते हुए देखा जा सकता है
पिछले पांच साल में छह लाख से अधिक भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी: सरकार
पिछले पांच वर्षों में छह लाख से अधिक भारतीय नागरिकों ने नागरिकता छोड़ दी। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 1,33,83,718 भारतीय नागरिक दूसरे देशों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में 1,33,049 नागरिकों ने, 2018 में 1,34,561 लोगों ने, साल 2019 में 1,44,017 लोगों ने, 2020 में 85,248 लोगों ने और 2021 में गत 30 सितंबर तक 1,11,287 भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।
राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ: सरकार
सरकार ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तैयार करने के बारे में अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), 2019 को 12 दिसंबर , 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह 10 जनवरी, 2020 को अमल में आया। मंत्री ने कहा कि नियमों के अधिसूचित होने के बाद लोग इस कानून के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
राय ने कहा, ‘‘सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी तैयार करने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 31 अगस्त, 2019 को असम में एनआरसी से बाहर रहे परिवारों की सूची प्रकाशित की गई थी।
(इनपुट एजेंसी)