किसान आंदोलनः पीएम मोदी बोले-हम सिर झुकाकर, विनम्रता से बात करने के लिए तैयार, सरकार MSP को लेकर गंभीर, जानिए बड़ी बातें
By शिवअनुराग पटैरया | Updated: December 18, 2020 19:09 IST2020-12-18T19:05:11+5:302020-12-18T19:09:21+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर हमें MSP हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते? हमारी सरकार MSP को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले MSP की घोषणा करती है.

फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया. (photo-ani)
भोपालः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को नए कृषि कानूनों को लेकर गुमराह किया जा रहा है.
नए कृषि कानूनों के बाद न तो एमएसपी बंद होगी और न कृषि उपज मंडियां बंद होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने किसानों को लागत का डेढ़ गुना भुगतान किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के रायसेन में आयोजित किसान सम्मेलन को वीडियो से संबोधित करते हुए कहा कि किसान कानूनों को लेकर हमारी नीयत गंगा जल की तरह पवित्र है.
प्रधानमंत्री ने अपने 53 मिनट के भाषण में कहा कि पहले वाली सरकार को लगा कि सरकार को किसानों पर ज्यादा खर्च न करना पड़े, इसलिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को 8 साल तक दबाकर रखा. हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है. हमने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट निकाली. किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया.
किसानों के साथ धोखाधड़ी का उदाहरण कर्ज माफी का वादा है. मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कहा गया कि कर्ज माफ कर देंगे, लेकिन हुआ कुछ नहीं. राजस्थान के लाखों किसान आज भी कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं. मैं यही सोचता हूं कि कोई इस हद तक भोले भाले किसानों के साथ छल कपट कैसे कर सकती है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को संबोेधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले की सरकार के 5 साल में किसानों से सिर्फ डेढ़ लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी गई. हमने किसानों को दाल की पैदावार के लिए प्रोत्साहित किया. हमने 112 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी.
उन्होंंने दाल पैदा करने वाले किसानों को 650 करोड़, तो हमने 50 हजार करोड़ दिए. आज दाल के किसान को ज्यादा पैसा मिल रहा है. जो लोग न किसानों को ढंग से एमएसपी दे सके, न एमएसपी पर ढंग से खरीदी कर सके, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं.
मोदी ने कहा कि समय हमारा इंतजार नहीं कर सकता. तेजी से बदलते परिदृश्य में भारत का किसान सुविधाओं के अभाव में पिछड़ता जाए, ये ठीक नहीं है. जो काम 25 -30 साल पहले हो जाने चाहिए थे. वे अब हो रहे हैं. पिछले 6 साल में सरकार ने किसानों को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं. नए कानूनों की चर्चा बहुत हो चुकी है.
With folded hands, PM Modi urges Opposition not to mislead farmers
— ANI Digital (@ani_digital) December 18, 2020
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मोदी ने किसानों से कहा कि किसान कितनी भी मेहनत कर ले, लेकिन फल सब्जियां अनाज का अगर सही भंडारण न हो, सही तरीके स हो तो उसका बहुत बड़ा नुकसान होता है. भारत की कृषि, भारत किसान, अब औरा पिछड़ेपन में नहीं रह सकता. दुनिया के बड़े बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधार कानून रातों रात नहीं बनाए गए. पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने कृषि कानूनों पर व्यापक चर्चा की है. कम अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है. देश के किसान, किसानों के संगठन, कृषि एक्सपर्ट, कृषि अर्थशास्त्री, कृषि वैज्ञानिक, हमारे यहां के प्रोगे्रसिव किसान भी लगातार कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, आधुनिक सुविधाओं के अभाव में, असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती. पहले ही बहुत देर हो चुकी है. जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे. वे अब हो रहे हैं. पिछले 6 साल में हमारी सरकार ने किसानों की एक एक जरूरत को ध्यान में रखते हुए काम किया है.
"The numbers I will provide you with, will clear everything up regarding the MSP," says PM Modi at the Kisan Kalyan event pic.twitter.com/cvnYtXuHq9
— ANI (@ANI) December 18, 2020
बीते कई दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 70 साल से किसान सिर्फ मंडी में अनाज बेच सकता रहा था. नाए कानून में सिर्फ इतना कहा है कि जहां फायदा हो वहां अनाज बेचें. चाहे मंडी में उपज बेचें या फिर बाहर जाकर. सब कुछ किसान की मर्जी पर है. नए कानूनों के तहत किसानों ने उपज बेचना शुरू भी कर दी है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिन थोड़े से किसानों में नए कानूनों को लेकर जो आशंका बची है, वे समझें और भ्रम फैलाने वालों से सावधान रहें. मेरे कहने के बाद सरकार के प्रयासों के बाद अगर आपके मन में शंका है, तो हम सिर झुकाकर, विनम्रता से बात करने के लिए तैयार हैं. मेरी नीयत गंगा जल की तरह पवित्र हैं.
Swaminathan Commission report is biggest proof of how ruthless these people can be. These people sat on Swaminathan Commission report recommendations for 8 long years...They ensured that their govt doesn't have to spend much on farmers, so they kept report under wraps: PM Modi https://t.co/Y6s3GG1f3Hpic.twitter.com/MJABl3onlj
— ANI (@ANI) December 18, 2020
किसान का हित हमारी सर्वोच्च ्रपाथमिकता है. 25 दिसंबर को अटलजी के जयंती के मौके पर फिर इस विषय पर किसानों से बात करूंगा. प्रधानमंत्री के भाषण के पूर्व किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों से देश के किसानों से अपना निर्णय करने का अधिकार खुद मिलेगा. देश और प्रदेश की सरकार किसानों के साथ है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 35 लाख किसानों के खाते में सोलह सौ करोड़ रुपए की राशि डाली.