नई दिल्लीः ईसीओएसओसी सत्र के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ आज की दुनिया में इसकी भूमिका और महत्ता के आकलन का अवसर है। हमारा लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। कोविड के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों की सहायता की है।
शुरुआत से ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों और ECOSOC का सक्रिय समर्थन किया है। ECOSOC के पहले अध्यक्ष एक भारतीय ही थे। ECOSOC के एजेंडा को आकार देने में भारत ने भी योगदान दिया। हमारे 600,000 गांवों में पूर्ण स्वच्छता प्राप्त करके हमने पिछले साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई।
मोदी ने कहा कि महामारी ने सभी देशों के धैर्य की कठिन परीक्षा ली। भारत में हमने महामारी के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन बनाने का प्रयास किया। संयुक्त राष्ट्र मूल रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के उपद्रवों से पैदा हुआ था। आज महामारी के प्रकोप ने इसके पुनर्जन्म और सुधार के नए अवसर प्रदान किए हैं। आइए हम यह मौका न गंवाएं।
स्थायी शांति और समृद्धि को बहुपक्षीय माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का दृढ़ मत है कि स्थायी शांति और समृद्धि को बहुपक्षीय माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। कोविड के खिलाफ लड़ाई में हमारे जमीनी स्तर की स्वास्थ्य प्रणाली भारत को दुनिया में इस संक्रमण से उबरने की सबसे बेहतर दर सुनिश्चित में मदद कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने 75साल पूरे करेगा तब हमारा 'हाउसिंग फॉर ऑल' कार्यक्रम 2022 तक प्रत्येक भारतीय के सिर पर एक सुरक्षित छत सुनिश्चित करेगा। चाहे भूकंप, चक्रवात, इबोला संकट या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। कोरोना के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों में चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है।